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उद्धव ठाकरे बोले- छत्रपति शिवाजी और अपने पूर्वजों के नाम पर शपथ लेना अपराध है, तो यह मैं बार-बार करूंगा

उद्धव ठाकरे की शपथ लेने के बाद बीजेपी ने साधा निशाना, उद्धव ठाकरे ने अपने अंदाज में किया पलटवार

Updated on: 01 Dec 2019, 12:13 AM

मुंबई:

महाराष्ट्र विधानसभा में उद्धव ठाकरे ने बहुमत पास करने के बाद शपथ ली. इसके बाद बीजेपी ने उनके शपथ ग्रहण को लेकर सवाल खड़े कर दिए. उद्धव ठाकरे ने कहा कि हां, मैं छत्रपति शिवाजी महाराज और अपने पूर्वजों के नामों पर शपथ ग्रहण किया. अगर यह अपराध है तो मैं यह अपराध बार-बार करूंगा. इसको लेकर बीजेपी ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा. बीजेपी ने उद्धव ठाकरे पर निशाने साधते हुए सदन से वाकऑउट कर दिया. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने अपने ही अंदाज में बीजेपी पर पलटवार किया. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मैं अब तक मैदान में लड़ने वाला आदमी रहा हूं, लेकिन यहां जो व्यवहार देखा, उससे लगा कि मैदान ही सही था. इसके साथ ही उन्होंने सरकार का समर्थन करने के लिए मैं विधायकों का आभार व्यक्त करता हूं.

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बीजेपी ने मंत्रियों की शपथ को गलत करार दिया. उद्धव ठाकरे ने संविधान के नाम की शपथ नहीं ली. इसके बाद बीजेपी ने निशाना साधा. इस पर उद्धव ठाकरे ने हमला बोला. उन्होंने कहा कि हमारा कोई विरोध नहीं है. हमने यदि सभी महापुरुषों का नाम लेकर शपथ ली तो आखिर क्या गलत है? मैं बार-बार इस तरह से शपथ लूंगा. उन्होंने कहा कि क्या छत्रपति शिवाजी महाराज या बाबा साहेब आंबेडकर के नाम की शपथ लेना गलत है? 

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मतभेद सभी के होते हैं, लेकिन यहां गलत तरीके से मतभेद रखा गया. सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है. क्रांतिकारी, समाज सुधारकों और साधुओं का यह महाराष्ट्र है. जिनकी शपथ लेकर हमने यह काम संभाला है, उन्हें हमारे कार्यों पर गौरव हो, हमें इस तरह से काम करना है. महाराष्ट्र विधानसभा में सदन में सीएम बने उद्धव ठाकरे की सरकार ने बहुमत का आंकड़ा प्राप्त कर लिया. सरकार के पक्ष में कुल 169 विधायकों ने वोट किया जबकि 4 विधायको ने वोटिंग नहीं की. बता दें कि बीजेपी ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया.

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महा विकास अघाड़ी की ओर से कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने सदन के पटल पर विश्वास प्रस्ताव रखा था. प्रोटेम स्पीकर ने हेड काउंट करवाया. एक-एक करके कुल 169 विधायकों ने सरकार के पक्ष में वोट किया, लेकिन कुल 4 विधायक ऐसे रहे जिन्होंने वोटिंग नहीं की. जिन चार विधायकों ने वोटिंग नहीं की है उनमें 1 MNS, 2 MIM और 1CPIM के विधायक हैं.