साल 2027 में महाराष्ट्र के नासिक में कुंभ का आयोजन होगा. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कुंभ की तैयारियों के बारे में बात की. उन्होंने नासिक कुंभ को आस्था और टेक्नोलॉजी का आयोजन बताया. उन्होंने कहा कि कुंभ के आयोजन में कई चुनौतियों को स्वीकार किया. हालांकि, उन्होंने विश्वास दिलाया कि वे सभी चुनौतियों को दूर कर लेंगे.
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि बुनियादी ढांचे को लेकर काम वर्तमान में तय समय से पीछे चल रहा है. हालांकि, स्थिति में अब सुधार हुआ है. उन्होंने बताया कि पिछले साल ही हमने कुंभ मेले की तैयारी शुरू कर दी थी. हमें कुंभ का काम 2020 में ही शुरू करना चाहिए था, जिससे आज हम अच्छी स्थिति में होते. प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है.
300 एकड़ में होगा आयोजन
उन्होंने कहा कि नासिक और त्र्यंबकेश्वर के विकास के लिए प्रयास जारी है. नासिक में होने वाला कार्यक्रम आस्था और टेक्नोलॉजी का कुंभ है. मेले में एआई की मदद से क्राउड को मैनेज किया जाएगा. वर्चुअल रियलिटी उपकरणों का एकीकरण किया जाएगा. बता दें, नासिक में कुंभ मेले का आयोेजन 300 एकड़ में होगा, जबकि प्रयागराज में 18 हजार से अधिक हेक्टेयर में महाकुंभ का आयोजन हुआ था.
सीएम ने कहा कि 2027 में नासिक और त्र्यंबकेश्वर में कुंभ के आयोजन के लिए हम लगातार बैठक कर रहे हैं. नासिक में क्या-क्या किया जाना था, इसका मास्टरप्लान हमने तैयार किया है. हम उसे पहले ही मान्यता दे चुके हैं और पहले ही उस पर काम शुरू हो चुका है. हम साफ पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. साधुग्राम की जगह पर व्यवस्थाएं बना रहे हैं.
त्र्यंबकेश्वर के विकास के लिए 1100 करोड़ रुपए का प्लान
सीएम ने कहा कि त्र्यंबकेश्वर बहुत ही महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग है. इसका स्थान काफी ऊपर माना जाता है. फडणवीस ने कहा कि हमने त्र्यंबकेश्वर के विकास का भी प्रावधान किया है. हमने इसके लिए 1100 करोड़ रुपये का प्लान तैयार किया है. इन पैसों से मंदिर में अलग-अलग कुंडों का विकास होगा. वहां नदी का भी विकास किया जाएगा. काम को हमने दो हिस्सों में बांटा है. एक हिस्सा 2027 तक पूरा करेंगे और दूसार हिस्सा हम 2028-29 तक कंप्लीट करेंगे.