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rohit arya Photograph: (social media)
Children Hostage in Mumbai: मुंबई में बच्चों को बंधक बनाने के मामले में पुलिस फायरिंग में मारे गए आरोपी रोहित आर्या एक पत्र सामने आया है. इसमें उन्होंने अपनी मजबूरी और फंड न मिलने से जुड़ी समस्याओं के बारे में बताया है. आपको बता दें कि रोहित आर्या की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई है. अभी तक रिपोर्ट के अनुसार, रोहित आर्या ने बच्चों कों इस लिए बंधक बनाया था क्योंकि सरकारी प्रोजेक्ट में उसका पैसा फंसा हुआ था. वह उसे वापस नहीं मिल रहा था. इसे लेकर एक लेटर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
पत्र में रोहित की व्यथा
रोहित ने पत्र में लिखा कि साल 2013 से वे Project Let's Change (PLC) चला रहा हैं; महाराष्ट्र में इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने 2015 में किया था. 2022 में उन्होंने PLC के “स्वच्छता मॉनिटर” चरण की संकल्पना की. एक Social Entrepreneur होने के नाते, वे अपने खर्चे पर 5000 से अधिक स्कूलों में यह प्रकल्प चलाया और इसका प्रभाव तथा परिणाम सामने आया.
रोहित आर्या ने लिखा, '2023–24 में उनके प्रस्ताव को मंजूरी मिली. मुख्यमंत्री “माझी शाळा सुंदर शाळा” अभियान में सबसे अधिक अंक स्वच्छता मॉनिटर को दिए गए. मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने PLC स्वच्छता मॉनिटर अभियान का लोकार्पण किया. उनकी संकल्पना मेरी, उसे प्रभावी साबित करने के लिए निवेश मेरा, अभियान का नाम मेरा, प्रस्ताव मेरा, कार्यान्वयन के लिए मेहनत मेरी - परंतु पैसा किसी और को?'
गड़बड़ी की ओर ध्यान दिलाया
रोहित आर्या ने लिखा, 'जब उन्होंने गड़बड़ी की ओर ध्यान दिलाया, तब काम के दौरान ही जानबूझकर भ्रम और गोंधल (अराजकता) पैदा की गई. 2024–25 में उन्होंने नया प्रस्ताव दिया, लेकिन संपर्क किए बिना ही मेरे “स्वच्छता मॉनिटर” अभियान को सीधे “मुख्यमंत्री माझी शाळा सुंदर शाळा 2024–25” में शामिल किया गया। इसके बाद न्याय पाने के लिए लगातार तीन महीने तक अनशन करने के बाद सिर्फ 25% भुगतान मंत्री महोदयों ने व्यक्तिगत चेकों की ओर से किया। बाकी भुगतान अगले तीन वर्षों में PLC स्वच्छता मॉनिटर प्रस्ताव की मंजूरी के साथ देने का आश्वासन दिया गया.'
रोहित आर्या ने लिखा कि प्रधान सचिव और मा. मंत्री श्री दादाजी भुसे से मिलने के कई प्रयास निष्फल रहे. अब न्याय पाने के लिए फिर से अनशन के अलावा किसी तरह का रास्ता सामने नजर नहीं आता है।
वीडियो जारी कर बताई थी मांग
रोहित आर्या ने इस बीच एक वीडियो भी जारी किया। इस वीडियो में पुलिस से मांग रखी थी कि वो कुछ लोगों से बात करना चाहता है। उसने कहा था कि उसकी मांगें नैतिक हैं. न तो वह आतंकी है और न ही उसे पैसों की डिमांड है.उसने योजन के तहत बच्चों को बंधक बनाया था.
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