छगन भुजबल (Photo Credit: ANI)
मुंबई:
महाराष्ट्र में लोगों पर एक बार फिर मराठी भाषा थोपने की कोशिश शुरू हो गई है. महाराष्ट्र में महाअघाड़ी गठबंधन की सरकार बनने के बाद मराठी भाषा का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि मराठी महाराष्ट्र की राज्य भाषा है, इसे सभी को सीखना चाहिए. उन्होंने महाराष्ट्र के स्कूलों में मराठी को अनिवार्य भाषा के रूप में शामिल किए जाने की भी वकालत की. उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार इस संबंध में कानून बनाती है तो कक्षा 1 से 10वीं तक के छात्रों के लिए मराठी अनिवार्य होगी और इसे सभी को सीखना पड़ेगा.
Maharashtra Minister Chhagan Bhujbal: Marathi is the state language and everyone should learn it. If a law is passed to make Marathi language mandatory in all schools (Class 1 to 10) then everyone will learn it. pic.twitter.com/tSQvttlZNz
— ANI (@ANI) January 22, 2020
महाराष्ट्र की राजनीति में मराठी भाषा का मुद्दा काफी पुराना है. शिवसेना हमेशा से ही इसके पक्ष में रही है. दूसरी तरफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अध्यक्ष राज ठाकरे भी इसके समर्थक रहे हैं. दरअसल हिंदीभाषी राज्यों के लोग रोजगार की तलाश में मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य शहर में लगातार पलायन कर रहे हैं. पिछले दो दशक में महाराष्ट्र में हिंदीभाषी राज्यों के लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. इन पार्टियों का आरोप है कि हिंदीभाषी राज्यों के आए लोग उनके रोजगार और नौकरियों पर कब्जा करने लगे हैं. ऐसे में मराठी भाषा के लागू होने से इसमें कमी जाएगी. इससे पहले राज ठाकरे की पार्टी मनसे मराठी भाषा के लिए आंदोलन भी चला चुकी है. उत्तर भारतीयों के साथ मारपीट के भी मामले सामने आ चुके हैं. अब छगन भुजबल के बयान के बाद राजनीति तेज हो सकती है.