logo-image

महाराष्ट्र मंत्रालय का केबिन-602, इसमें नहीं बैठना चाहता कोई भी मंत्री

महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ ही मंत्रियों को ऑफिस अलॉट किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मंत्रालय परिसर की छठी मंजिल पर बना केबिन 602 किसी को अलॉट नहीं किया गया है. मुंबई

Updated on: 31 Dec 2019, 12:21 PM

highlights

  • सोमवार को 36 मंत्रियों ने उद्धव ठाकरे सरकार में ली थी मंत्री पद की शपथ
  • सभी मंत्रियों को प्रभार बांटने की तैयारी शुरू, मंत्रालय परिसर में दिए जा रहे हैं दफ्तर
  • मंत्रालय की छठी मंजिल का एक केबिन भी कर किसी को नहीं दिया गया

मुंबई:

सोमवार को उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रिमडल का विस्तार किया गया. एक तरफ मंत्रियों को विभागों को बंटवारा किया जा रहा है तो दूसरी तरफ मंत्रियों को उनके ऑफिस का देने का भी काम किया जा रहा है. कई मंत्रियों ने अपने ऑफिस का चयन भी कर लिया है. हालांकि मंत्रालय की छठी मंजिल पर एक केबिन ऐसा भी है, जिसे कोई भी लेने के लिए राजी नहीं है. इस ऑफिस के बारे में कहा जाता है कि ऑफिस में बैठने वाला मंत्री या तो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है या उसके साथ कुछ अपशकुन हो जाता है.

यह भी पढ़ेंः मंत्री न बनाए जाने से NCP विधायक प्रकाश सोलंके नाराज, दे सकते हैं इस्तीफा

काफी चर्चित रहा है कमरा नंबर 602
महाराष्ट्र के राज्य मंत्रिमंडल का आधिकारिक कार्यालय 'मंत्रालय' है. इसकी छठी मंजिल पर स्थित 3000 वर्ग फीट का केबिन 602 फिलहाल किसी भी मंत्री को आवंटित नहीं किया गया है. बताया जाता है कि इस ऑफिस में एक कॉन्फ्रेंस रूम, ऑफिस स्टाफ हॉल और दो बड़े केबिन हैं. हालांकि इससे पहले इस ऑफिस को महाराष्ट्र की सत्ता का पावर सेंटर माना जाता था. खुद सीएम से लेकर सबसे वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव यहीं बैठा करते थे. अब इस ऑफिस को लेने के लिए कोई तैयार नहीं है. इस ऑफिस को लेकर अंधविश्वास है कि इस केबिन में जो भी शख्स बैठता है, वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है.

यह भी पढ़ेंः कैबिनेट विस्तार के बाद संजय राउत बोले- कुछ लोग खुश हुए तो कुछ नाखुश, खुशी है उद्धव ठाकरे CM हैं

किसी का हुआ इस्तीफा तो किसी की मौत
दरअसल अंधविश्वास का यह सिलसिला 2014 में शुरू हुआ था. तब यह ऑफिस बीजेपी नेता और तत्कालीन कैबिनेट मंत्री एकनाथ खडसे को दिया गया था. खडसे अपने कार्यकाल के दो साल के अंदर ही एक घोटाले में फंस गए. इसका असर यह हुआ कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. कुछ दिनों तक दो यह ऑफिस खाली रहा लेकिन बाद में इसे कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर को आवंटित कर दिया गया. फुंडकर की कामकाज संभालने के सिर्फ दो साल के बाद मई 2018 में हार्ट अटैक के बाद मौत हो गई.

चुनाव हार गए अनिल बोंडे
पांडुरंग फुंडकर की मौत के बाद 2019 में कृषि विभाग का प्रभार बीजेपी नेता अनिल बोंडे को दिया गया. वह भी इसी ऑफिस में बैठने लगे. अनिल बोंडे विधानसभा का चुनाव हार गए और महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार भी नहीं रही. अब इस ऑफिस को लेने के लिए कोई तैयार नहीं है. खबर है कि अजित पवार ने इस ऑफिस को लेने के इंकार कर दिया है.