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बीएमसी चुनाव से ठीक पहले मुंबई की दीवारों पर चिपके “I Love बुलडोजर बाबा” और “I Love देवाभाऊ” पोस्टरों से सियासी पारा चढ़ चुका है। योगी आदित्यनाथ और देवेंद्र फडणवीस की तस्वीरों के साथ बुलडोजर की विशाल छवि वाले ये पोस्टर्स आख़िर क्या संदेश देना चाहते है? माना जा रहा है ये पोस्टर्स हिंदू संगठन की तरफ़ से जवाब है की उत्तर प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी कानून तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी वहीं भाजपा समर्थकों का यह कदम मुंबई में पार्टी की “सख्त और निर्णायक” छवि को और धार देने की कोशिश माना जा रहा है। लेकिन जैसे ही ये पोस्टर शहर के कई इलाकों में दिखाई दिए, बीएमसी और पुलिस हरकत में आई और सभी पोस्टर हटवा दिए, मगर तब तक यह ‘बुलडोजर बाबा’ की चर्चा महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में शुरू हो चुकी थी।
‘I Love Muhammad’ से ‘I Love Mahadev’ और अब ‘I Love बुलडोजर बाबा’ — पोस्टर वॉर का नया चेहरा!
ये पूरा विवाद ‘I Love Muhammad’ अभियान से शुरू हुआ, जिसने पहले यूपी और फिर महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में तनाव फैलाया। उसके जवाब में हिंदू संगठनों ने ‘I Love Mahadev’ पोस्टर लगाना शुरू कर दिया था जो जल्दी ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगा था। बढ़ते विवाद ने जहाँ माहौल को और गर्म करने का काम किया है। वहीं अब इसी लहर में उभरा है नया चेहरा ‘I Love बुलडोजर बाबा’। बीजेपी के अंदरूनी सूत्र मानते हैं कि यह पोस्टर सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कदम है, जो योगी आदित्यनाथ की “no-nonsense politics” और देवेंद्र फडणवीस की “law and order image” को एक फ्रेम में जोड़ने की कोशिश है।
“यह हिंदू राष्ट्र है… यहां महादेव चलेगा, मोहम्मद नहीं!”
इस पूरे विवाद को तब और हवा मिली जब बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नेता नितेश राणे ने कहा — “यह हिंदू राष्ट्र है, यहां महादेव चलेगा, मोहम्मद नहीं!” उनके बयान के बाद ‘I Love महादेव’ और ‘I Love बुलडोजर बाबा’ पोस्टरों को नया जोश मिला। राणे ने साफ़ कहा कि “गोल टोपी वालों ने वोट नहीं दिए, अब पोस्टर वही लगेंगे जो हिंदुत्व की भावना दिखाएँ।” अब यह पोस्टर वॉर बीएमसी चुनावी मैदान में भाजपा के लिए एक प्रतीक बन चुका है।
याद दिला दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले भी “बुलडोजर बाबा” के पोस्टरों ने बीजेपी के प्रचार को नई उड़ान दी थी। महाराष्ट्र के विधान सभा चुनाव में योगी का ‘बटोगे तो कटोगे’ नारा सबसे ज़्यादा चर्चा में था। और उसी नारे की अपार सफलता के बाद बीएमसी चुनाव से ठीक पहले, दुबारा योगी आदित्यनाथ की महाराष्ट्र की सियासत में एंट्री हो चुकी है।