महाराष्ट्र में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस स्कैम, अंधेरी RTO का बड़ा खुलासा

महाराष्ट्र में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस स्कैम ने राज्य के परिवहन तंत्र में गहरे भ्रष्टाचार और खामियों को उजागर किया है. ठाणे की सामाजिक कार्यकर्ता बीनू वर्गीस की सूचना से यह बड़ा घोटाला सामने आया.

महाराष्ट्र में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस स्कैम ने राज्य के परिवहन तंत्र में गहरे भ्रष्टाचार और खामियों को उजागर किया है. ठाणे की सामाजिक कार्यकर्ता बीनू वर्गीस की सूचना से यह बड़ा घोटाला सामने आया.

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Ritu Sharma
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मुंबई ड्राइविंग लाइसेंस( Photo Credit : News Nation )

Mumbai RTO Audit Report: महाराष्ट्र में सियासी बयानबाजी के बीच महालेखाकार (ऑडिट 2) की ओर से एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. मुंबई के अंधेरी स्थित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने बीते वर्ष 'फर्जी ड्राइविंग टेस्ट' के आधार पर 76 हजार ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिए. यह खुलासा महाराष्ट्र के परिवहन तंत्र में गंभीर खामियों और भ्रष्टाचार की पोल खोलता है. इस खुलासे के बाद आरटीओ ने मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ड्राइविंग टेस्ट और ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के दस्तावेजीकरण से जुड़े कई अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है. यह स्कैम ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदनों के प्रोसेसिंग के संबंध में सारथी के ऑनलाइन डेटा से 1.04 लाख लाइसेंसों की जांच के दौरान सामने आया. ऑडिट के नतीजे चौंकाने वाले थे. 1.04 लाख लाइसेंसों की जांच की गई, जिनमें से 75 प्रतिशत (76,354 ड्राइविंग लाइसेंस) 2023-2024 में जारी किए गए, जिनमें अमान्य वाहनों पर संदिग्ध ड्राइविंग टेस्ट किए गए थे.

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ठाणे की सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका

वहीं इस खुलासे का श्रेय ठाणे की सामाजिक कार्यकर्ता बीनू वर्गीस को जाता है, जिन्होंने इस मामले की जानकारी आरटीओ अधिकारियों को दी. उनकी सूचना के बाद ही आरटीओ ने इस मामले की तहकीकात शुरू की और यह बड़ा घोटाला सामने आया. अब इसके दूरगामी परिणाम होंगे और सड़कों पर तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले हजारों चालकों की ड्राइविंग स्किल पर संदेह होगा.

टू व्हीलर और फोर व्हीलर लाइसेंस

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि टू व्हीलर के लिए 41,093 ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए गए, वहीं फोर व्हीलर के लिए 35,261 लाइसेंस जारी किए गए. इसमें स्पष्ट रूप से संदिग्ध लेनदेन की संभावना है. लेखा परीक्षकों ने निष्कर्ष निकाला कि लाइसेंस चार पहिया वाहनों के लिए जारी किए गए, लेकिन ड्राइविंग टेस्ट दोपहिया (बाइक) वाहनों पर किए गए. आरटीओ पर तंज कसते हुए लेखा परीक्षकों ने कहा कि यह स्पष्ट है कि ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट के लिए दस्तावेज तैयार करते समय न तो उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया और न ही आरटीओ निरीक्षकों की ओर से वाहन की डिटेल का सत्यापन किया गया.

आरटीओ अधिकारियों का बयान

आपको बता दें कि संपर्क करने पर एक आरटीओ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि यह सिर्फ एक आरटीओ (अंधेरी) का ऑडिट डेटा है और महाराष्ट्र में 53 ऐसे आरटीओ हैं. इसके अलावा, पूरे भारत में 1,100 से अधिक आरटीओ हैं. वहां भी इस तरह का खेल चल रहा होगा. सालाना लगभग 1.20 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस जारी होते हैं. इनका भी ऑडिट होना चाहिए.

भ्रष्टाचार और सुधार की आवश्यकता

यह खुलासा न केवल आरटीओ कार्यालयों में भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर देता है. यह आवश्यक है कि लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सत्यापन को बढ़ावा दिया जाए ताकि योग्य और सक्षम चालकों को ही लाइसेंस मिले.

HIGHLIGHTS

  • महाराष्ट्र में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस स्कैम
  • फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर किए जारी गए 76 हजार लाइसेंस
  • अंधेरी RTO का बड़ा खुलासा

Source : News Nation Bureau

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