Bombay High Court: एक महिला सहकर्मी के बालों को देखकर 'ये रेशमी जुल्फें' गाना गाना एक शख्स को भारी पड़ गया. मामला कोर्ट पहुंच गया. शुक्रवार को कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया है. दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने शख्स को राहत देते हुए फैसला सुनाया. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि महिला कर्मचारी से यह कहना कि, तुम्हे अपने बालों को संभालने के लिए जेसीबी की जरूरत पड़ेगी और उसके बालों को देखकर उससे जुड़ा गाना 'ये रेशमी जुल्फें' गाना कार्यस्थल पर महिला कर्मचारी का यौन उत्पीड़न नहीं है.
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ये पूरा मामला महाराष्ट्र की एक प्राइवेट बैंक का है. जहां एक पुरुष कर्मचारी ने अपनी एक महिला सहकर्मी के बालों को देखकर ये रेशमी जुल्फें गाना गाया था. जिससे महिला कर्मचारी आहत हो गई और वह कोर्ट पहुंच गई. जानकारी के मुताबिक, बैंक के कर्मचारी विंदो कचावे ने एक मीटिंग के दौरान अपनी सहकर्मी के बालों को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद पॉश कानून के तहत उस पर कार्रवाई की गई. जिसे लेकर कचावे ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए जस्टिस संदीप मार्ने की एकल बेंच ने कहा कि, यह मानना मुश्किल है कि याचिकाकर्ता विंदो कचावे का यह आचरण यौन उत्पीड़न के तहत आता है.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस संदीप मार्ने ने अपने आदेश में कहा कि जहां तक पहली घटना का सवाल है, यह याचिकाकर्ता द्वारा शिकायतकर्ता के बालों की लंबाई के जुड़ी टिप्पणी को लेकर थी और उसके बालों से संबंधित एक गीत गाने से जुड़ी थी. अदालत ने माना कि याचिकाकर्ता द्वारा शिकायतकर्ता के प्रति कथित तौर पर की गई टिप्पणी को देखते हुए यह यकीन करना मुश्किल है कि यह टिप्पणी शिकायतकर्ता को किसी भी तरह का यौन उत्पीड़न करने के इरादे से की गई. कोर्ट ने कहा कि टिप्पणी करते वक्त शिकायतकर्ता ने खुद कभी भी टिप्पणी को यौन उत्पीड़न नहीं माना.
वहीं याचिकाकर्ता की ओर से वकील सना रईस खान ने कोर्ट में उसका पक्ष रखा. बता दें कि ये पूरा घटना 11 जून 2022 की है. जब ऑफिस में एक ट्रेनिंग सेशन के दौरान एक पुरुष कर्मचारी ने नोटिस किया कि उसकी महिला सहकर्मी अपने बालों को बार-बार संभाल रही है. साथ ही वह अपने लंबे बालों की वजह से असहज नजर आ रही है. इसे देखकर उसने हल्के अंदाज में महिला सहकर्मी से कहा कि अपने बालों को संभालने के लिए तुम जेसीबी का इस्तेमाल करती होगी. इस टिप्पणी के बाद उसने महिला सहकर्मी को कंफर्टेबल करने के लिए 'ये रेश्मी जुल्फें' गाना गा दिया.
मामले की सुनवाई के दौरान वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता का उद्देश्य इस टिप्पणी के पीछे सिर्फ इतना था कि अगर महिला अपने बालों से असहज है तो वह उसे बांध ले, क्योंकि इससे न सिर्फ याचिकाकर्ता, बल्कि वहां मौजूद अन्य लोगों का भी ध्यान भटक रहा था. यही नहीं याचिकाकर्ता ने ट्रेनिंग सेशन से पहले ही सबको कहा था कि वह माहौल को हल्का रखने के लिए बीच-बीच में चुटकुले भी सुनाता रहेगा. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यदि आरोपों को सही भी मान लिया जाए तो भी यह मानना मुश्किल है कि याचिकाकर्ता ने यह टिप्पणी कर कोई यौन उत्पीड़न किया.