logo-image

BMC ने नालों की सफाई पर किए 200 करोड़ खर्च, फिर भी काम अधूरा

बीजेपी का आरोप 10 प्रतिशत भी नही हुआ काम. बीएमसी कमिश्नर से की जांच की मांग.

Updated on: 20 Jul 2022, 07:59 PM

नई दिल्ली:

देश की सबसे अमीर महानगर पालिका हर साल मानसून से पहले नालों की सफाई पर करोड़ों रुपया खर्च कर देती है. लेकिन इन सबके बावजूद हर साल मानसून की पहली बारिश में ही बीएमसी का भ्रष्टाचार उजागर हो जाता है. एक बार फिर से बीएमसी पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगा है. आरोप है की बीएमसी ने इस साल नालों की सफाई पर करीब 200 करोड़ रुपया खर्च किया है. लेकिन इतना खर्च होने के बाद भी मुंबई के 10 फीसदी नालों की सफाई का काम भी पूरा नहीं हुआ है. हर साल की तरह इस साल भी मुंबई में मानसून की पहली बारिश ने ही बीएमसी के सभी दावों की पोल खोल दी है. इस साल भी बारिश के कारण निचले इलाकों में जलजमाव की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है. बीएमसी ने मानसून से ठीक पहले ये दावा किया था कि उन्होंने नालों की सफाई का काम 99 प्रतिशत पूरा कर लिया है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि मुंबई में नालों की सफाई का काम 10 प्रतिशत भी पूरा नहीं किया गया है. 

बीजेपी नेता और विधायक योगेश सागर ने बीएमसी पर ये बड़ा आरोप लगाते हुए बीएमसी कमिश्नर से इसकी शिकायत की है. बीजेपी नेता योगेश सागर ने 20 जुलाई को मुम्बई बीएमसी कमिश्नर से पत्र लिखकर अधूरे नालों की सफाई की जांच की मांग करते हुए बीएमसी के भ्रष्ट ठेकेदारों के खिलाफ सख्त करवाई की मांग की है. इतना ही नही विधायक योगेश सागर ने बीएमसी कमिश्नर को लिखे इस पत्र में भ्रष्ट ठेकेदारों के बकाया भुगतान को रोकने की भी मांग की है.

बीएमसी से मिली जानकारी की माने तो मुम्बई में 309 प्रमुख और 508 छोटे नालों के अलावा पांच नदियां हैं. जो बड़े नाले हैं वो लगभग 290 किमी लंबे और छोटे नाले 605 किमी लंबे हैं. मुंबई में नालों का पूरा नेटवर्क लगभग 2004 किमी का है. देश की सबसे अमीर महानगर पालिका बीएमसी पिछले कुछ सालों में नालों की सफाई पर हजारों करोड़ रूपया खर्च कर चुकी है. लेकिन आज तक ना तो कभी नालों की सफाई का काम पूरा हुआ है और ना इसपर राजनीति खत्म हुई है.