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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मोदी सरकार की नीतियों को बृहनमुंबई नगर निगम (बीएमसी) के बेहतर परिणाम की वजह बताया है। फडणवीस ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी ने पारदर्शिता को लेकर चुनाव लड़ा, इसलिए उसे जनता का समर्थन मिला।
हालांकि बीजेपी शिवसेना के साथ गठबंधन करेगी या नहीं इसको लेकर फडणवीस ने फैसला बीजेपी कोर कैबिनेट पर छोड़ा है। जीत के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने गठबंधन के सवाल पर कहा, 'हम लोगों के फैसले का सम्मान करते हैं, बीएमसी में गठबंधन का फैसला हमारी कोर कमेटी करेगी।'
देवेंद्र फडणवीस ने जीते के लिए बीजेपी कार्यतर्ताओं को बधाई देते हुए कहा, 'देश में प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरीके से काम किया है और जिस तरीके से लोगों का समर्थन हासिल हो रहा है, उससे साफ हो गया कि देश में मोदी की लहर बरकरार है।'
बता दें बीजेपी पहली बार बीएमसी चुनाव में अकेले मैदान में थी ऐसे में बीजेपी के लिए ये नम्बर काफी अहम है क्योंकि 2012 में इन्हें महज़ 31 सीट मिली थी। इस जीत पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, 'जिस तरह से बीजेपी ने पारदर्शिता को लेकर चुनाव लड़ा, उसे जनता का पूरा समर्थन मिला है।'
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उन्होंने कहा, 'मुंबई की जनता ने हमारे काम को आशीर्वाद दिया है। हमारे पारदर्शिता के अजेंडे को जनता ने स्वीकारा है।'
This huge victory for BJP is on the agenda of transparency: Maharashtra CM Devendra Fadnavis. #MaharashtraCivicpollspic.twitter.com/Ayw6JvZlvi
— ANI (@ANI_news) February 23, 2017
इससे पहले पंकजा मुंडे ने बीड में हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने मंत्री पद से इस्तीफ़े की पेशकश की थी। जिसपर फडणवीस ने कहा कि चुनाव में हारना जीतना लगा रहता है।
In election it happens that we lose and win: Devendra Fadnavis on Pankaja Munde's resignation. #MaharashtraCivicpollspic.twitter.com/EwMQRvoVyd
— ANI (@ANI_news) February 23, 2017
बता दें कि शिवसेना, बीजेपी, एनसीपी, कांग्रेस में किसी को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। शिवसेना 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है जबकि 82 सीटों के साथ बीजेपी दूसरे नंबर पर है वहीं कांग्रेस 31 सीटों पर सफलता हासिल की है।
चुनाव नतीज़े के मुताबिक शिवसेना भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो लेकिन 2012 के चुनाव के मुकाबले उसे महज 9 सीटों का ही फायदा हुआ है। 2012 में शिवसेना की 75 सीटें थी और इस बार वो 84 सीटें ही जीती है।
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जबकि बीजेपी ने इन चुनावों में अपनी सीटों में लगभग तिगुना इजाफा किया है। बीजेपी को 81 सीटें मिली हैं। 2012 में बीजेपी के पास 31 सीटें थी और शिवसेना-बीजेपी ने मिलकर निर्दलियों की मदद से बीएमसी पर कब्जा जमाया था। साफ था की बड़े भाई की भूमिका में शिवसेना थी। लेकिन इसबार बीजेपी के खाते में उम्मीद से तिगुनी सीटें मिली है।
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Source : News Nation Bureau