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BJP विधायक रमेश जारकीहोली ने फडणवीस को बताया गॉडफादर, कहा- 'नहीं दूंगा पद से इस्तीफा'

BJP विधायक रमेश जारकीहोली ने कहा कि मुझे दोबारा मंत्री बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है. देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) मेरे गॉडफादर (Godfather)  हैं, इसलिए मैं उनसे मिला हूँ.

Updated on: 25 Jun 2021, 07:52 PM

मुंबई :

पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता रमेश जारकीहोली (Ramesh Jarkiholi ) ने कहा है कि वह पार्टी से निराश हैं और कर्नाटक के विधानसभा से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने मैसूरु की त्वरित यात्रा के बाद सांबरा हवाई (Sambra airport ) अड्डे पर रिपोटर्स से बात करते हुए कहा कि मैंने केवल अपने करीबी दोस्तों के साथ इस पर चर्चा की थी. मुझे नहीं पता कि यह खबर मीडिया में कैसे लीक हो गई. लेकिन दोस्तों, शुभचिंतकों और वरिष्ठ नेताओं की सलाह के बाद, मैंने इस विचार को छोड़ दिया है.

विधायक रमेश जारकीहोली ने कहा कि मुझे दोबारा मंत्री बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है. देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) मेरे गॉडफादर (Godfather)  हैं, इसलिए मैं उनसे मिला हूँ. कांग्रेस में दोबारा शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि RSS और BJP ने मुझे सम्मान दिया है जो मुझे कांग्रेस में 20 साल से ज्यादा समय तक नहीं मिला. कांग्रेस डूबती नाव है, मैं इसमें दोबारा शामिल होने के बारे में सोचता भी नहीं.

उन्होंने कहा कि मैंने अपने विधायक पद से इस्तीफा देने का फैसला किया था. लेकिन वरिष्ठों और शुभचिंतकों के सुझाव के बाद मैं कुछ देर के लिए रुक गया. मैं अब खुलकर नहीं बोल सकता, खुश नहीं था इसलिए मैंने (इस्तीफा देने का) फैसला किया. रमेश जारकीहोली ने कहा कि बीजेपी और RSS ने मुझे सम्मान दिया है. मैं किसी भी कीमत पर कांग्रेस में नहीं जाऊंगा, भले ही वह मुझे मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दे. अगर मैं इस्तीफा भी दे दूं तो मैं बीजेपी में रहूंगा. कल किसी ने मुझसे कहा था कि वे मुझे कांग्रेस में ले जाएंगे, मैं इसके बारे में सोचता भी नहीं.

बता दें कि बीजेपी नेता रमेश जारकीहोली दोपहर करीब तीन बजे मैसूर के लिए निकले थे और दोपहर करीब साढ़े तीन बजे वापस पहुंचे. उन्होंने कहा कि उनके इस यात्रा का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं मठ जैसे धार्मिक स्थलों पर राजनीति करने वाला आदमी नहीं हूं. जारकीहोली ने बताया कि वह सुत्तूर मठ के द्रष्टा श्री शिवरात्रि राजेंद्र महास्वामीजी से मिलने के लिए मैसूर गए थे, क्योंकि उनकी मां का हाल ही में निधन हो हुआ था.