महाराष्ट्र निकाय चुनाव में बीजेपी हुई मज़बूत, मुख्यमंत्री फडणवीस बने जीत के हीरो

बीएमसी में पिछली बार की 31 सीटों के मुकाबले इस बार करीब 3 गुना ज्यादा सीट पाने वाली बीजेपी ख़ुश है।

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
महाराष्ट्र निकाय चुनाव में बीजेपी हुई मज़बूत, मुख्यमंत्री फडणवीस बने जीत के हीरो

File photo- Getty Image

इस बार का महाराष्ट्र निकाय चुनाव बीजेपी के लिए बेहद ख़ास रहा है। हालांकि बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) चुनाव में बीजेपी दूसरे नंबर पर रही है लेकिन शिवसेना और उनके बीच का अन्तर महज़ दो सीटों का ही है। वहीं अगर पूरे महाराष्ट्र के निकाय चुनाव की भी बात करें तो बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा है।

Advertisment

आंकड़ें तो कुछ ऐसा ही कहती है। महाराष्ट्र निकाय चुनाव में भाजपा को 470, शिवसेना को 215, कांग्रेस को 99, एनसीपी को 108, एमएनएस को 16 और अन्य को 61सीटें मिली है। तो क्या इन जीत के आंकड़ो के लिए ताज़ राज्य के मुख्यमंत्री फडणवीस को ही पहनाना चाहिए?

बीएमसी में 227 सीट है और पार्टियों को बहुमत के लिए 114 सीटों की जरूरत है। बीजेपी और शिवसेना पिछले 25 सालों में पहली बार अलग होकर बीएमसी चुनाव लड़ी। इसका परिणाम ये भी हुआ कि दोनों बड़ी पार्टियों ने दूसरे दल के वोट काट लिए।

कांग्रेस को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ है। कांग्रेस 2012 के चुनाव में 52 सीटें जीती थी। एनसीपी 9, एमएनएस 7 और अन्य 11 सीटें जीती है। जबकि 2012 के चुनाव में एनसीपी को 13, एमएनएस को 28 तो अन्य ने 13 सीटों पर सफलता हासिल की थी।

चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद ही बीजेपी ने इशारों इशारों में गठबंधन को लेकर भी अपना दांव चल दिया है। हालांकि इस जीत के हीरो मुख्यमंत्री ने फिलहाल ये कहते हुए किनारा कर लिया है कि अंतिम फ़ैसला कोर कमिटी लेगी।

वहीं शिवसेना प्रमुख ने भी साफ़ कर दिया है कि गठबंधन नहीं होने जा रहा है। ऐसे में निकाय चुनाव को लेकर भविष्य में किसका गठबंधन होगा फिलहाल कहना मुश्किल है।

बीएमसी में पिछली बार की 31 सीटों के मुकाबले इस बार करीब 3 गुना ज्यादा सीट पाने वाली बीजेपी ख़ुश है। बीजेपी के कुछ नेता शिवसेना के बिना ही बीजेपी का मेयर बनाना चाहते हैं। महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष रावसाहेब दान्वे ने गुरुवार को कहा कि पार्टी कुछ निर्दलियों के सहयोग से बीएमसी पर काबिज होने में समर्थ है।

अगर बीजेपी शिवसेना को छोड़कर सोचती है तो फिर निर्दलियों के साथ-साथ एनसीपी और एमएनएस को भी अपने पाले में लाना होगा। शिवसेना और कांग्रेस अगर साथ आते हैं तो उनका आसानी से बीएमसी पर कब्जा हो जाएगा।

अगर कांग्रेस भी शिवसेना के साथ नहीं आती तो उद्धव को भी निर्दलियों के साथ-साथ एमएनएस और एनसीपी के समर्थन की दरकार होगी। इस तरह बीएमसी में सत्ता के समीकरण काफी उलझे हुए और दिलचस्प हो गए हैं।

Source : Deepak Singh Svaroci

Devendra fadnavis BMC Election mumbai
      
Advertisment