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महाराष्ट्र में बीजेपी नेता ने की धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के बाद अब महाराष्ट्र में भी धर्मांतरण विरोधी कानून को लेकर मांग उठने लगी है.

Updated on: 22 Jul 2022, 05:31 PM

highlights

  • महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए सरकार जल्द इस कानून को लाए
  • कानून की मांग उठने के बाद सियासत तेज़ हो गयी है
  • कई राज्यों में इस कानून को अदालतों में चुनौती दी गई है. 

मुंबई:

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही अब राज्य में एंटी कन्वर्जन लॉ यानी कि धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग उठने लगी है. बीजेपी के कई विधयाक और नेता अब सरकार से मांग कर रहे हैं कि राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन और महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए सरकार जल्द इस कानून को लाए. बीजेपी नेता नितेश राणे की मांग को लेकर एक तरफ जहां महाराष्ट्र में राजनीति तेज हो गई है तो वहीं हिंदूवादी संगठनों ने नितेश राणे का समर्थन किया. 

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के बाद अब महाराष्ट्र में भी धर्मांतरण विरोधी कानून को लेकर मांग उठने लगी है. महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार आते ही बीजेपी नेता नितेश राणे ने सरकार से मांग की है कि राज्य में जल्द से जल्द धर्मांतरण विरोधी कानून लाने की जरूरत है. नितेश राणे के अलावा बीजेपी विधायक राजहंस सिंह और पार्षद विनोद मिश्रा ने भी राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून जल्द से जल्द लाने की वकालत की है और इस मुद्दे को बीजेपी नेता महाराष्ट्र विधानसभा में उठाने की भी तैयारी कर रहे हैं.

देश के 11 राज्यों में लगा है धर्मांतरण विरोधी कानून 

बीते कुछ सालों में महाराष्ट्र में प्यार और शादी का झांसा देकर महिला उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं. ऐसे में जब महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी गठबंधन की हिंदुत्ववादी सरकार है तो फिर यह कानून भी जल्द आ जाना चाहिए इसका समर्थन कुछ हिंदूवादी संगठनों और धर्मगुरु भी कर रहे हैं.आपको बता दें कि इससे पहले देश के 11 राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू है. 

जिन 11 राज्यों में धर्मांतरण विरोधी बिल पास हुआ है उनमें सबसे नया नाम कर्नाटक और हरियाणा है. इसके अलावा जो 9 अन्य राज्य है उनमें उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड  शामिल हैं. इन सभी राज्यों ने अनैतिक तरीके से होने वाले धर्म परिवर्तन के खिलाफ धर्मांतरण विरोधी कानून बनाए हैं. इनमें से कई राज्यों में इस कानून को अदालतों में चुनौती दी गई है. 

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 महाराष्ट्र में भी धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग उठने के बाद सियासत तेज़ हो गयी है. समाजवादी पार्टी के नेता अबू आज़मी ने बीजेपी की मांग को गलत ठहराते हुए इसपर पलटवार किया है. महाराष्ट्र सरकार ने साल 2018 के एक RTI के जवाब में बताया था कि 10 जून 2014 से 16 जनवरी 2018 के बीच 1687 लोगों के धर्म परिवर्तन हुए हैं.

RTI से मिली जानकारी के मुताबिक1,166 हिंदू में से 664 इस्लाम में परिवर्तित हुए. उसके बाद 258 बौद्ध धर्म. 138 ईसाई धर्म, 88 जैन धर्म, 11 सिख धर्म और 7 लोगों ने अन्य धर्म कबूला था. RTI के आंकड़ों से ये साफ हो गया है कि सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन हिंदुओं का ही हो रहा है और इस्लाम धर्म में शामिल होने वालों में सबसे बड़ी तादाद हिंदुओं की ही है. ऐसे में महाराष्ट्र में आयी बीजेपी और शिंदे सेना की नई सरकार धर्मांतरण विरोधी कानून को लेकर क्या कदम उठाती है इसपर हर किसी की नज़र टिकी हुई है.