हिन्दुत्व के मामले में BJP का CM उद्धव को करारा जवाब, कहा-अब राज्यपाल से सर्टिफिकेट...
आपको बता दें कि इसके पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पत्र में ठाकरे के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए पूछा, आप हिंदुत्व के एक मजबूत स्तंभ रहे हैं, अब आप क्या 'सेक्युलर' हो गए हैं?
नई दिल्ली:
बीजेपी नेता आशीष शेलार ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे पर हिन्दुत्व और मंदिरों को न खोले जाने के मामले में हमला बोलते हुए कहा कि, सीएम उद्धव ठाकरे अब आपको हिंदुत्व का सर्टिफिकेट राज्यपाल से लेने का समय आ गया है, अजमल कसाब को बिरयानी खिलाने वालों का साथ आपने दिया है , याकूब मेमन को सपोर्ट करने वाले को आपने अपने मंत्रिमंडल में स्थान दिया है आखिर ये सब क्यों? इन सबका जवाब आपको देना होगा. इसलिए देवभूमि से आए राज्यपाल के हाथों आपको हिंदुत्व के सर्टिफिकेट लेने की जरूरत है.
आपको बता दें कि इसके पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पत्र में ठाकरे के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए पूछा, आप हिंदुत्व के एक मजबूत स्तंभ रहे हैं, अब आप क्या 'सेक्युलर' हो गए हैं? राज्य के मंदिरों में पूजा करने की अनुमति देने के मामले में कोश्यारी ने ठाकरे को पत्र लिखा था और पूछा था कि मंदिर कब से खुल रहे हैं। राज्य में सभी मंदिर कोरोनावायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण 23 मार्च से ही बंद हैं.
कोश्यारी ने पत्र में लिखा कि कैसे ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अयोध्या जाकर भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति को सार्वजनिक रूप से दिखाया था और बाद में एक जुलाई को आषाढ़ी एकादशी पर प्रसिद्ध पंढरपुर के भगवान विठ्ठल और देवी रुक्मिणी मंदिर में पूजा की थी. कोश्यारी ने कहा, यह विडंबना है कि जहां एक ओर राज्य सरकार ने बार, रेस्तरां और समुद्र तट खोलने की अनुमति दी है, वहीं दूसरी ओर हमारे देवी-देवता अभी भी लॉकडाउन में हैं.
ठाकरे ने कोश्यारी को इसका कड़ा जवाब देते हुए कहा कि राज्यपाल ने 'हिंदुत्व' के बारे में जो उल्लेख किया है, वह बिल्कुल सही था. ठाकरे ने कहा, हालांकि, मुझे किसी से भी हिंदुत्व पर सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है, न ही मुझे इसे किसी से सीखना है. जो लोग पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ हमारे राज्य और इसकी राजधानी (मुंबई) की तुलना करने वाले का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं, वे मेरे हिंदुत्व की परिभाषा में फिट नहीं बैठते. ठाकरे ने कहा, क्या आप ये कहना चाह रहे हैं कि सिर्फ मंदिर खोल देने से कोई हिंदुत्व का मसीहा हो जाता है और उसे बंद करने से वो सेक्युलर हो जाता है?
ठाकरे ने अपने जवाबी पत्र में कोश्यारी से सीधे पूछा, आपने उस संविधान की शपथ ली है, जिसका मुख्य सिद्धांत सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) है, क्या आप इससे सहमत नहीं हैं? कोश्यारी ने इस पर आश्चर्य जताया कि ठाकरे मंदिरों को फिर से खोलने के फैसले को बार-बार क्यों स्थगित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 8 जून को दिल्ली और जून के अंत तक पूरे देश में मंदिर और दूसरे पूजा स्थल खोल दिए गए. ठाकरे ने इसके जवाब में कहा, आप (कोश्यारी) ने ऐसी चीजों का अनुभव किया होगा, मैं इतना महान नहीं हूं. उन्होंने कहा कि वह (ठाकरे) महाराष्ट्र के लोगों के लिए अच्छा काम करने की कोशिश कर रहे हैं.
कोश्यारी ने याद दिलाया कि कैसे एक जून को ठाकरे ने घोषणा की थी कि लॉकडाउन अब इतिहास की बात हो जाएगी. लेकिन इस घोषणा के चार महीने बाद अभी भी मंदिरों को खोलने पर प्रतिबंध है. जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पहली जिम्मेदारी लोगों की जान बचाना है. उन्होंने कहा कि जिस तरह अचानक से लॉकडाउन लगाना गलत था, उसी तरह अचानक लॉकडाउन हटाना भी गलत है, खासकर ऐसे समय में, जब कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे थे. राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा कि मंदिरों को खोलने के लिए उन्हें कई अनुरोध मिल चुके हैं। इसके जवाब में ठाकरे ने कहा कि वे सभी अनुरोध भाजपा के लोगों के थे. हालांकि ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी को आश्वासन दिया कि राज्य में मंदिरों और दूसरे धार्मिक स्थलों को खोलने पर जल्द फैसला लिया जाएगा.
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