बीजेपी ने पहली बार शिवसेना पर बोला तीखा हमला, बोली- सत्ता के लिए सौदा करने वाले शिवाजी की बात न करें
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने शनिवार दोपहर प्रेस करते हुए महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस द्वारा सरकार बनाए जाने का बचाव किया.
नई दिल्ली:
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने शनिवार दोपहर प्रेस करते हुए महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस द्वारा सरकार बनाए जाने का बचाव किया. उन्होंने कहा, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व में बीजेपी-शिवसेना को जनादेश मिला था. उन्होंने पिछले पांच साल में बेहतर शासन दिया. 2014 के पिछले चुनाव में 260 सीट में से बीजेपी को 122 सीटें मिली थीं. मुख्यमंत्री के रूप में पूरे चुनाव में देवेंद्र फड़णवीस का नाम प्रचारित हुआ था. शिवसेना को जिताने में भी बीजेपी समर्थित मतों का बड़ा योगदान था.
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रविशंकर प्रसाद ने कहा, गठबंधन के दोनों दलों ने प्रमाणिक बहुमत हासिल किया था, तो यह बीजेपी के लिए नैतिक और राजनीतिक विजय थी. चुनाव के नतीजे आने पर ही शिवसेना किसके इशारे पर यह सारा खेल खेल रही थी. शरद पवार ने आधिकारिक रूप से बयान दिया था कि हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है, कांग्रेस ने भी यही कहा था. अचानक यह जनादेश कुर्सी के लिए मैच फिक्सिंग कैसे हो गया. कहा जा रहा है कि डेमोक्रेसी की हत्या कर दी गई है. जब शिवसेना स्वार्थभाव से 30 साल की दोस्ती तोड़ दे और घोर विरोधी एनसीपी और कांग्रेस का दामन थाम ले तो वह लोकतंत्र की हत्या नहीं है. जब स्थायी सरकार हम बना रहे हैं तो यह लोकतंत्र की हत्या है.
केंद्रीय मंत्री बोले, यह नई युति स्थायी सरकार देगी. महाराष्ट्र देश का बड़ा देश है और मुंबई देश की वित्तीय राजधानी है. चोर दरवाजे से देश की वित्तीय राजधानी पर कब्जा करने की साजिश रची जा रही थी. जो बाला साहब के आदर्शों को जीवित नहीं रख सके, उनके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है. कांग्रेस विरोध के नाम पर हम और शिवसेना साथ आए थे. कुछ लोग शिवाजी की विरासत की बात कर रहे हैं. सत्ता के लिए सौदा करने वाले शिवाजी का नाम न लें.
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प्रसाद ने कहा, अब राज्यपाल के बारे में टिप्पणी की जा रही है. राज्यपाल ने तीनों पार्टियों को बुलाया. बीजेपी के पास तब संख्या नहीं थी, शिवसेना ने और समय मांगा. एनसीपी के पास भी नंबर नहीं था. आज सुबह बीजेपी ने कहा, हमारे पास नंबर है और हम सरकार बनाएंगे. राज्यपाल पर सवाल उठाने वाले बताएं, क्या उनका एक भी आवेदन राज्यपाल के पास लंबित था. क्या एक बड़े प्रदेश को बिना स्थायी सरकार के छोड़ा जाना सही होता. शरद पवार क्या-क्या बोल रहे हैं, कांग्रेस क्या बोल रही है, उनके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है. महाराष्ट्र की जनता के मन में सवाल था, अगर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला तो सरकार क्यों नहीं बनी. एक प्रमाणिक और ईमानदार सरकार हम देंगे, यह हमारा वादा है.
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