Badlapur Sexual Abuse Case: ठाणे जिले के बदलापुर शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में टॉयलेट में सफाईकर्मी द्वारा दो मासूम बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घिनौनी घटना सामने आई है. इस दर्दनाक घटना ने स्थानीय समुदाय और अभिभावकों के बीच भारी आक्रोश पैदा कर दिया है. स्कूल के बाहर और बदलापुर रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिससे पूरे शहर में तनाव का माहौल बन गया है. लोगों के बढ़ते गुस्से और प्रदर्शनों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में एसआईटी (विशेष जांच दल) जांच के आदेश दे दिए हैं.
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
आपको बता दें कि आरोपी सफाईकर्मी की पहचान अक्षय शिंदे के रूप में हुई है, जो थर्ड पार्टी के माध्यम से स्कूल में कॉनट्रैक्ट क्लीनर के रूप में काम करता था. बच्चियों के माता-पिता की कड़ी मांग और दबाव के बाद पुलिस ने शिंदे को गिरफ्तार किया. हालांकि, पुलिस पर यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की और घटना के 12 घंटे बाद ही एफआईआर दर्ज की गई.
माता-पिता और समुदाय की प्रतिक्रिया
वहीं पीड़ित बच्चियों के माता-पिता ने अपराधी के लिए मृत्युदंड की मांग की है और शहर बंद का आह्वान किया है. इस विरोध के चलते मंगलवार को स्थानीय लोगों ने रेलवे ट्रैक पर धरना दिया, जिससे कल्याण और करजत के बीच लोकल ट्रेन सेवाओं में बाधा उत्पन्न हुई. सेंट्रल रेलवे ने इस असुविधा के लिए सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त किया है.
स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया
इसके अलावा आपको बता दें कि घटना के बाद, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जांच के लिए एक टीम बदलापुर भेजने का निर्णय लिया है. स्कूल प्रशासन ने घटना पर गहरा खेद जताते हुए सुरक्षा में हुई चूक को स्वीकार किया है. इसके साथ ही स्कूल ने छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया और अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग करने की बात कही है.
स्कूल प्रबंधन की कार्रवाई
साथ ही स्कूल प्रबंधन ने इस मामले में कठोर कदम उठाते हुए स्कूल की प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा, उस कक्षा के प्रभारी शिक्षक और छात्राओं को शौचालय तक ले जाने के लिए जिम्मेदार दो अटेंडेंट को भी बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही आरोपी को काम पर रखने वाली कंपनी के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया गया और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है.
सरकार की त्वरित कार्रवाई
आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने इस संवेदनशील मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एसआईटी का गठन किया है। इसके साथ ही बदलापुर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक का भी तबादला कर दिया गया है, जिन पर मामले को दबाने का आरोप है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही न्याय दिलाने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा.