Malegaon Blast Case: ‘मालेगांव ब्लास्ट में मोहन भागवत को गिरफ्तार करने की प्लानिंग थी’, ATS के पूर्व अधिकारी ने बताई वजह

Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट केस की जांच से जुड़े एटीएस के पूर्व अधिकारी ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि एटीएस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने की प्लानिंग की थी.

Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट केस की जांच से जुड़े एटीएस के पूर्व अधिकारी ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि एटीएस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने की प्लानिंग की थी.

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Jalaj Kumar Mishra
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ATS Ex Officer big Claim about RSS head Mohan Bhagwat arrest on Malegaon Blast Case

Mohan Bhagwat (NN)

Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट केस में एक दिन पहले एनआईए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. इस बीच, मालेगांव ब्लास्ट केस की जांच करने वाले एटीएस के एक पूर्व अधिकारी ने सनसनीखेज खुलासा किया है. पूर्व पुलिस ऑफिसर ने दावा किया कि उन्हें कहा गया था कि वे आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करें. 

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इसलिए मोहन भागवत को पकड़ना चाहते थे

मालेगांव ब्लास्ट केस में फैसला आने के बाद पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा कि भागवत को गिरफ्तार करने के ऑर्डर का मतलब था कि भगवा आंतकवाद को स्थापित किया जाए. 

अदालत के फैसले ने एटीएस के फैसले को उजागर किया

मुजावर का कहना है कि मालेगांव ब्लास्ट केस में अदालत के फैसले ने एटीएस के फर्जीवाड़े को खारिज दिया. उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले ने फर्जी अधिकारी द्वारा की गई फर्जी जांच का सच सबके सामने ला दिया. बता दें, मामले की जांच शुरुआत में एटीएस ने की थी. हालांकि, बाद में एनआईए ने केस को अपने हाथों में ले लिया. 

मुजावर ने भागवत को गिरफ्तार करने वाले आदेश का पालन इसलिए नहीं किया क्योंकि उन्हें सच्चाई पता थी. मुजावर ने कहा कि मोहन भागवत जैसी बड़ी हस्ती को पकड़ना मेरी क्षमता से परे थी. मैंने ऊपर के आदेशों का पालन नहीं किया, जिस वजह से मेरे खिलाफ फर्जी मामला दर्ज करवा दिया गया. उस फर्जी मामले ने मेरे 40 साल लंबे करियर को बर्बाद कर दिया. उन्होंने साफ लफ्जों  में कहा कि कोई भी भगवा आतंकवाद नहीं है. सबकुछ फर्जी था.  

क्या है पूरा मामला

बता दें, मालेगांव महाराष्ट्र के नागुपर का एक मुस्लिम बहुल्य शहर है. 29 सितंबर 2008 को रात करीब 9.35 बजे मालेगांव के भीखू चौराहे पर एक ब्लास्ट हो गया. हमले में छह लोगों की मौत हो गई तो 100 से अधिक लोग घायल हो गए. हमले में छह लोगों की मौत हो गई थी. रमजान का महीना चल रहा था और ब्लास्ट की अगली सुबह नवरात्रि थी. मुजावर भी ब्लास्ट केस की जांच करने वाली एटीएस टीम का हिस्सा थे. 

इन लोगों पर लगे थे आरोप

  1. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर
  2. लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (रि)
  3. मेजर रमेश उपाध्याय (रि)
  4. समीर कुलकर्णी
  5. अजय राहिरकर 
  6. सुधाकर धर द्विवेदी उर्फ दयानंद पांडे
  7. सुधाकर चतुर्वेदी 

बता दें, ब्लास्ट केस में कुल 12 लोगों को आरोपी माना गया था. लेकिन स्पेशल एनआईए कोर्ट में केस शुरू होने से पहले ही पांच लोगों को बरी कर दिया गया था.

 

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