एक और सांसद ने छोड़ा उद्धव का साथ, एकनाथ शिंदे से मिलाया हाथ

शिवसेना के अलग होने के पांच महीने बाद, शिवसेना (यूबीटी) के कट्टर सांसद गजानन कीर्तिकर अचानक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबंची शिवसेना में शामिल हो गए. हालांकि, उनके बेटे अमोल जी. कीर्तिकर ने बीएसएस में अपने पिता का अनुसरण करने के बजाय सेना (यूबीटी) के साथ रहने का फैसला किया है. यह घटनाक्रम शुक्रवार देर रात आया, जिसके बाद शिवसेना (यूबीटी) ने 79 वर्षीय कीर्तिकर को तुरंत निष्कासित कर दिया, जो कभी उद्धव ठाकरे और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के भरोसेमंद सहयोगी थे, जो बीएसएस में शामिल होने वाले पार्टी के 13वें सांसद बने.

शिवसेना के अलग होने के पांच महीने बाद, शिवसेना (यूबीटी) के कट्टर सांसद गजानन कीर्तिकर अचानक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबंची शिवसेना में शामिल हो गए. हालांकि, उनके बेटे अमोल जी. कीर्तिकर ने बीएसएस में अपने पिता का अनुसरण करने के बजाय सेना (यूबीटी) के साथ रहने का फैसला किया है. यह घटनाक्रम शुक्रवार देर रात आया, जिसके बाद शिवसेना (यूबीटी) ने 79 वर्षीय कीर्तिकर को तुरंत निष्कासित कर दिया, जो कभी उद्धव ठाकरे और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के भरोसेमंद सहयोगी थे, जो बीएसएस में शामिल होने वाले पार्टी के 13वें सांसद बने.

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IANS
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Uddhav Thackeray

(source : IANS)( Photo Credit : Twitter)

शिवसेना के अलग होने के पांच महीने बाद, शिवसेना (यूबीटी) के कट्टर सांसद गजानन कीर्तिकर अचानक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबंची शिवसेना में शामिल हो गए. हालांकि, उनके बेटे अमोल जी. कीर्तिकर ने बीएसएस में अपने पिता का अनुसरण करने के बजाय सेना (यूबीटी) के साथ रहने का फैसला किया है. यह घटनाक्रम शुक्रवार देर रात आया, जिसके बाद शिवसेना (यूबीटी) ने 79 वर्षीय कीर्तिकर को तुरंत निष्कासित कर दिया, जो कभी उद्धव ठाकरे और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के भरोसेमंद सहयोगी थे, जो बीएसएस में शामिल होने वाले पार्टी के 13वें सांसद बने.

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बहुप्रतीक्षित शिवसेना (यूबीटी) ने पार्टी सांसद संजय राउत के साथ विकास को आगे बढ़ाया है और कहा है कि कीर्तिकर के जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. राउत ने कहा, उन्होंने पार्टी से सभी लाभ उठाएं. वह पांच बार के विधायक, दो बार के सांसद, दो बार मंत्री रहे. उन्हें शिवसेना के भीतर वरिष्ठ पद सौंपे गए. किस वजह ने उन्हें अपनी उम्र और वरिष्ठता में पक्ष बदलने के लिए प्रेरित किया, उनके बेटे अमोल हमारे वरिष्ठ हैं और समर्पित कार्यकर्ता है. उन्होंने अपने पिता को मनाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए.

पार्टी में उनका स्वागत करते हुए, मुख्यमंत्री शिंदे ने बालासाहेब ठाकरे के कट्टर सहयोगी के रूप में कीर्तिकर के योगदान की सराहना की और कहा कि वह राज्य के लिए काम करने के लिए बिना शर्त बीएसएस में शामिल हुए हैं. जून की शुरूआत में शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के बाद से, कीर्तिकर के रुख पर काफी अटकलें लगाई गईं, लेकिन वह सेना (यूबीटी) मेंरहे और लगभग पांच महीने बाद ही बीएसएस में शामिल हो गए.

राउत ने कहा, हम इसे दुर्भाग्यपूर्ण क्यों कहें. उन्हें कुछ समय के लिए फिर से निर्वाचित होने की आवश्यकता होगी, लोग तय करेंगे, लेकिन जल्द ही वह जनता के बीच अपनी छवि को खो देंगे. कीर्तिकर 2014 से मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से सांसद हैं. वह शक्तिशाली स्थानीय लोकाधिकार समिति के अध्यक्ष भी थे.

Source : IANS

MAHARASHTRA NEWS Eknath Shinde shiv sena vs shiv sena shivsena UBT MP left Uddhav Gajanan Kirtikar
      
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