निर्भया गैंगरेप मामले में तेजी से न्याय के लिए अन्ना हजारे का 'मौन व्रत' शुरू

निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya Gangrape) और महिलाओं के खिलाफ हुए अन्य जघन्य अपराधों के मामलों में तेजी से न्याय दिलाने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने रालेगण सिद्धि गांव में 'मौन व्रत' शुरू कर दिया है.

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Kuldeep Singh
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निर्भया गैंगरेप मामले में तेजी से न्याय के लिए अन्ना हजारे का 'मौन व्रत' शुरू

अन्ना हजारे( Photo Credit : फाइल फोटो)

निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya Gangrape) और महिलाओं के खिलाफ हाल में हुई घटनाओं के मामले में जल्द न्याय की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को रालेगण सिद्धि गांव में 'मौन व्रत' शुरू कर दिया. महाराष्ट्र के अहमद नगर स्थित रालेगन सिद्धि अन्ना हजारे का पैतृक गांव है. जानकारी के मुताबिक जब अन्ना हजारे कि दादा की मौत हुई तो उनका परिवार रालेगन सिद्धि गांव में आकर बस गया. अन्ना हजारे का जन्म 15 जून 1938 को अहमदनगर के भिंगर कस्बे में हुआ था. उनका वास्तविक नाम किसन बाबूराव हजारे है. अन्ना हजारे का बचपन काफी अभाव में बीता था. उनके पिता मजदूरी करते थे जबकि दादा फौज में थे.

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जल्द न्याय न मिला तो अनिश्चितकालीन अनशन
9 दिसंबर को अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर सूचित किया था वह 20 दिसंबर से मौन व्रत रखेंगे. अन्ना हजारे ने कहा कि निर्भया और हाल में हुई घटनाओं के मद्देनजर यह व्रत शुरू किया गया है. अगर जल्द न्याय नहीं मिला तो मैं अनिश्चितकालीन अनशन करूंगा.’

एनकाउंटर को ठहराया सही
अन्ना हजारे ने हैदाराबाद मामले में पुलिस के एनकाउंटर को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सहित कई राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं. देश के लोगों ने न्यायिक एवं पुलिस प्रक्रिया में देरी के चलते हैदराबाद बलात्कार एवं हत्या मामले में चार आरोपियों की मुठभेड़ में मौत का स्वागत किया.’ उन्होंने कहा कि न्याय में देरी से न्यायपालिका में लोगों का भरोसा कम हो रहा है.

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लोकपाल बिल पर किया था बड़ा प्रदर्शन
दिल्ली में अन्ना हजारे ने 2012 में जनलोकपाल बिल को लेकर अनशन किया था. यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए उनके अनशन को देशभर में लोगों का साथ मिला. लोगों के दबाव के कारण ही सरकार को लोकपाल बिल पास करना पड़ा.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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