CBI ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को घर छोड़ा
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को बड़ा एक्शन लिया है. सीबीआई ने अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को बड़ा एक्शन लिया है. सीबीआई ने अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. इसके बाद CBI की एक टीम ने खोजबीज करने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर छोड़ दिया है. इसके बाद अनिल देशमुख ने कहा कि हमने सीबीआई का साथ दिया है. अनिल देशमुख और अन्य के मामले में CBI ने महाराष्ट्रभर में 4 स्थानों पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं. इस दौरान CBI के सभी अधिकारी COVID प्रोटोकॉल का पालन करते हुए PPE किट पहने हुए थे.
आपको बता दें कि अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने वसूली का आरोप लगाया था. इन आरोप के बाद अनिल देशमुख को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी और हाईकोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ सीबीआई ने जांच शुरू की है. पिछले दिनों ही सीबीआई ने अनिल देशमुख से पूछताछ करने से पहले रविवार को केंद्रीय एजेंसी ने अनिल देशमुख के दो निजी सहायकों से पूछताछ की थी. दूसरी तरफ एनआईए की गिरफ्त में चल रहे मुंबई पुलिस के निलंबित सचिन वाझे के दो ड्राइवरों से भी पूछताछ की थी.
आरोपों के बाद दिया था इस्तीफा
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोप के बाद अनिल देशमुख को सूबे के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. परमबीर सिंह ने एक चिट्ठी लिख कर अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का आरोप लगाया था. सीएम को लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख अपने आवास पर सचिन वाज़े से मुलाकात करते थे. साथ ही उन्होंने हर महीने मुंबई से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने की बात कही थी. इस मामले में परमबीर सिंह ने हाईकोर्ट का रुख किया था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने परमबीर के आरोपों की जांच सीबीआई को करने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई अगले 15 दिन की रिपोर्ट देगी जिसके बाद यह फैसला होगा कि अनिल देशमुख पर एफआईआर दर्ज की जाए या नहीं.
शरद पवार ने किया था देशमुख का बचाव
परमबीर सिंह के चिट्ठी के बाद महाराष्ट्र में सियासी संकट जोर पकड़ने लगा था. अनिल देशमुख विपक्ष के निशाने पर आ गए थे. शुरुआत में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने देशमुख का बचाव किया था और उनके इस्तीफे से इनकार किया था. उन्होंने देशमुख पर लगे आरोप को राजनीति से प्रेरित बताया था. हालांकि विवाद के जोर पकड़ने के बाद देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था.
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