प्रचंड गर्मी के बीच महाराष्ट्र के अमरावती में गहराया जल संकट, तालाब का दूषित पानी पी रहे लोग

Maharashtra Water Crisis: गर्मियों के दिनों में देश के कई हिस्सों में पानी की भारी किल्लत शुरू हो जाती है. ऐसा ही कुछ इनदिनों महाराष्ट्र के अमारावती के एक गांव में देखने को मिल रहा है, जहां पानी की इतनी कमी है कि लोग तालाब का दूषित पानी पीने को मजबूर

Maharashtra Water Crisis: गर्मियों के दिनों में देश के कई हिस्सों में पानी की भारी किल्लत शुरू हो जाती है. ऐसा ही कुछ इनदिनों महाराष्ट्र के अमारावती के एक गांव में देखने को मिल रहा है, जहां पानी की इतनी कमी है कि लोग तालाब का दूषित पानी पीने को मजबूर

author-image
Suhel Khan
New Update
Amaravati Water Crisis

Amaravati Water Crisis ( Photo Credit : Social Media)

Maharashtra Water Crisis: देश के ज्यादातर हिस्सों में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. इसी बीच कई इलाकों में पानी की समस्या भी होने लगी है. राजधानी दिल्ली में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के अमरावती के दूर दराज के गांवों में भी जल संकट गहरा गया है. ऐसा ही मामला अमरावती जिले के मरियमपुर गांव से सामने आया है. जहां गर्मी के चलते पानी की किल्लत होने लगी है और लोग तालाब का दूषित पानी पीने को मजबूर है. बता दें कि गर्मी के मौसम में महाराष्ट्र के कई इलाकों में पानी की समस्या शुरू हो जाती है. ऐसा ही हाल इस बार भी देखने को मिल रहा है. मरियमपुर गांव के लोग चिलचिलाती धूप में कच्चे रास्तों से गुजरते हुए ऊंचे पहाड़ों पर पानी लेने जाते हैं. जहां एक तालाब है जिसका पानी दूषित बना हुआ है.

Advertisment

ये भी पढ़ें: Fastag: क्या चुनाव बाद खत्म होगी टोल टैक्स व्यवस्था, नितिन गडकरी कर चुके हैं घोषणा!

तालाब ही पानी का एक मात्र स्रोत

 ग्रामीणों का कहना है कि ये तालाब ही उनके गांव के लिए पानी का एक मात्र स्रोत है. तालाब का पानी दूषित होने के बावजूद लोग इसे पीने को मजबूर हैं, क्योंकि यहां पानी का कोई दूसरा स्रोत नहीं है. लोग इसी तालाब से पानी पीते हैं, या फिर तालाब के पास में गड्ढा खोदकर उससे पानी निकालकर अपनी जरूरतें पूरी करते हैं.

ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव के दौरान आयकर विभाग की कार्रवाई, जब्त की इतने हजार करोड़ रुपये की नकदी और जेवर

दूषित पानी पीकर बीमार हो रहे लोग

लोग के लोग तालाब से पानी लेकर जाते हैं और उसी का इस्तेमाल खाने और पीने के लिए करते हैं. जिससे कई लोग बीमार भी हो जाते है. इन ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. तपती दोपहरी में गांव के लोग मीलों पैदल चलते हैं तब कहीं जाकर वे दूषित पानी अपने घर तक लेकर आते हैं. गांव के लोगों का कहना है कि जब गड्ढों का पानी खत्म हो जाता है तो उन्हें तालाब का पानी पीना पड़ता है.  लोगों का कहना है कि वे पानी लेने के लिए रात 10-11 बजे तक वहीं बैठे रहते हैं. गड्ढे में पानी खत्म हो जाता है तो तालाब से गंदा पानी लेना पड़ता है. उन्हें न तो पानी के टैंकर मिलते हैं और न ही नलों में पानी मिलता है.

गांव के कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें पानी लेने के लिए सुबह चार बजे ही उठना पड़ता है उसके बाद वे तालाब के पास आते हैं, क्योंकि पानी इकट्ठा करने के लिए पहले उन्हें गड्ढा खोदना पड़ता है. ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी समस्या देखने और सुनने वाला यहां कोई नहीं है. हर गांव में पानी की टंकी और बोरवेल है, लेकिन हमारे गांव में न टंकी है और ना ही बोरवेल खोदा जा सकता.

ये भी पढ़ें: PM मोदी की विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 'ध्यान साधना', जानें कन्याकुमारी में कैसे 45 घंटे बिताएंगे प्रधानमंत्री

HIGHLIGHTS

  • भीषण गर्मी के बीच महाराष्ट्र में जल संकट
  • अमरावती में तालाब का दूषित पानी पी रहे लोग
  • गर्मियों में हर साल होती है यहां पानी की किल्लत

Source : News Nation Bureau

Maharashtra News in hindi water crisis Maharashtra water crisis water crisis in Maharashtra water crisis in Amravati Amravati water crisis
      
Advertisment