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Lock Down को लेकर आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर किया वार, कहा- घर जाना चाहते हैं मजदूर

पीएम मोदी ने देश वासियों को संबोधित करते हुए एक बार फिर 3 मई तक Lock Down बढ़ा दिया है. इसके बाद मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर वहां के प्रवासी मजदूरों की भीड़ अपने-अपने गांवों को जाने के लिए बढ़ने लगी.

Updated on: 14 Apr 2020, 07:21 PM

नई दिल्ली:

मंगलवार को पीएम मोदी ने देश वासियों को संबोधित करते हुए एक बार फिर 3 मई तक Lock Down बढ़ा दिया है. इसके बाद मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर वहां के प्रवासी मजदूरों की भीड़ अपने-अपने गांवों को जाने के लिए बढ़ने लगी. हालांकि इस भीड़ को पुलिस ने लाठी चार्ज कर तितर-बितर कर दिया है. वहीं इस लाठी चार्ज पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर दोबारा लॉकडाउन बढ़ाए जाने को लेकर हमला बोला है. आदित्या ठाकरे ने अपने ट्वीट में लिखा है कि केंद्र सरकार इन प्रवासी मजदूरों को काबू करने में नाकाम रही है. 

आदित्य ठाकरे ने ट्विटर पर लिखा है कि, बांद्रा स्टेशन पर मजदूरों की भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस की लाठी चार्ज से मामला हल नहीं हो रहा है. सूरत में तो दंगों के जैसे हालात हैं . मजदूर सिर्फ भोजन और आश्रय ही नहीं चाहता है वो अपने घरों को वापस जाना चाहते हैं. यह केंद्र सरकार की विफलता है कि वो प्रवासी श्रमिकों को उनके घर वापस भेज पाने की व्यवस्था कर पाने में असक्षम रही है, बांद्रा स्टेशन पर खड़ी भीड़ इसी का परिणाम है. 

बांद्रा स्टेशन पर लॉकडाउन की उड़ी धज्जियां
आपको बता दें कि इसके पहले मंगलवार को मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर लॉकडाउन का जमकर उल्लंघन किया गया. सोशल मीडिया पर छाईं बांद्रा स्टेशन की इन तस्वीरों को देखकर एक बार फिर से लोगों में कोरोना का भय जाग गया है. इन तस्वीरों में हम खुलेआम देखते हैं कि कैसे यहां पर लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है. करीब तीन हजार मजदूर बांद्रा सेंट्रल पर इकट्ठा हो गए. इन सभी मजदूरों की मांग थी कि उन्हें उनके गांव जाने की इजाजत दी जाए.

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पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए भांजी लाठियां
शुरुआत में तो पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की. लेकिन जब लोग नहीं माने तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर लोगों को तितर-बितर किया. जानकारी के मुताबिक इस भीड़ में कामगार मजदूर थे. जिनका कहना था कि उनके पास खाने-पीने की कोई सुविधा नहीं. एडिशनल कमिश्नर ने न्यूज नेशन से बात करते हुए कहा कि कई लोगों की मांग थी कि उन्हें उनके गांव भेजा जाए.

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मजदूरों को बांटा गया था राशन
जिसके बाद राशन का ट्रक लाकर 400-500 लोगों को राशन भी बांटा गया. वहीं कई लोगों को यह भी कहा गया कि अगर उनके पास रहने की व्यवस्था न हो तो वह शेल्टर होम में रह सकते हैं. लेकिन कुछ लोग थे जो लगातार बस अपने घर जाने की जिद पर अड़े थे. जिसके कारण उन्हें तितर बितर करने के लिए बल प्रयोग किया गया.

सोशल मीडिया की अफवाहों से इकट्ठा हुए थे लोग
लोगों को उम्मीद थी कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खत्म हो जाएगा. लेकिन हालतों को देखते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. जानकारी के मुताबिक यह भीड़ सोशल मीडिया पर फैली एक अफवाह के कारण इकट्ठा हुई थी.