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दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है महाराष्ट्र के संदर्भ में अबू आजमी को याद आई चाणक्यनीति

महाराष्ट्र की सत्ता से बीजेपी को दूर करने के लिए हमें शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनानी चाहिए इस प्रस्ताव पर सभी दलों ने हामी भर दी है.

Updated on: 22 Nov 2019, 04:12 PM

नई दिल्‍ली:

महाराष्ट्र में पिछले 29 दिनों से मचे सियासी घमासान के बीच आज सपा नेता अबू आजमी ने शिवसेना के एनडीए से अलगाव के बाद चाणक्यनीति का हवाला देते हुए कहा है कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. इनके बीच दरार पैदा करके ही इन्हें कमजोर किया जा सकता है. अबू आजमी ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश पर एक ऐसी सरकार राज कर रही है जिसने देश को बर्बादी की राह पर लाकर खड़ा कर दिया है. महाराष्ट्र की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को एक सिरे से नकार दिया है. सपा नेता ने आगे कहा कि बीजेपी को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अपनी ताकत पर बहुत घमंड था, वो दावा कर रही थी कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 230 से 240 सीटें भारतीय जनता पार्टी की आ रहीं हैं. लेकिन महाराष्ट्र की जनता ने महाराष्ट्र में बीजेपी के पांच साल के कार्यकाल को नकार दिया है. 

सपा नेता अबू आजमी ने बताया कि आज की बैठक में जितने सहयोगी राजनीतिक दल थे उनसे महाराष्ट्र में सरकार बनाए जाने के बारे में राय ली गई. सबने एक सुर में कहा कि महाराष्ट्र की सत्ता से बीजेपी को दूर करने के लिए हमें शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनानी चाहिए इस प्रस्ताव पर सभी दलों ने हामी भर दी है. अबू आजमी ने बताया कि हमें ऐसी नीतियां अपनाना चाहिए जिससे कि देश में किसी तरह से साम्प्रदायिकता न फैले. इस बैठक में यह तय हो रहा है कि शिवसेना के साथ सरकार बनाई जाए और इसके लिए कामन मिनिमम प्रोग्राम तय किए जा रहे हैं. शिवसेना अगर कट्टरपंथ को खत्म करने के मुद्दे पर अन्य दलों का साथ देती है तो सभी दल सरकार बनाने के लिए तैयार हैं. आजमी ने यह भी बताया कि अभी इन मुद्दों पर सीधे बातचीत नहीं हुई है. 

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इसके पहले महाराष्ट्र में अटकलें थी कि भाजपा मुख्यमंत्री पद शिवसेना के साथ साझा करने को तैयार है. इस बारे में सवाल पर राउत ने कहा, ‘प्रस्तावों के लिए वक्त अब खत्म हो चुका है. महाराष्ट्र की जनता शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती है.’ यह पूछे जाने पर क्या तीनों गैर भाजपा दल शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे, इस पर राउत ने कहा, ‘जब राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है तो ऐसे में राज्यपाल से मुलाकात क्यों करेंगे.’ 

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