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File Photo(AI)
महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक दिन पहले एक चार मंजिला इमारत का एक हिस्सा गया था. हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें एक मां-बेटी भी शामिल हैं. हादसा मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात करीब एक बजे हुआ है. घटना पालघर जिले के वसई-विरार इलाके की है.
गैरकानूनी तरीके से बनाई गई बिल्डिंग
जानकारी के अनुसार, एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल भी हुआ है. राहत और बचाव कार्य अब भी जोरों-शोरों से चल रहा है. वसई-विरार इलाके में स्थित रमाबाई अपार्टमेंट का एक हिस्सा अचानक भरभराकर गिर गया था. 2012 में इस बिल्डिंग का निर्माण हुआ था, जो पूरी तरह गैरकानूनी था. महानगरपालिका ने इसे बहुत खतरनाक बिल्डिंग की श्रेणी में रखा था. वसई-विरार नगर निगम की शिकायत पर पुलिस ने बिल्डिंग के बिल्डर को हिरासत में ले लिया है.
24 घंटे से अधिक वक्त से जारी ऑपेरशन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनडीआरएफ की दो टीमें मौके पर जुटी हुई हैं. हादसे को 24 घंटे के अधिक वक्त हो गया है, बावजूद इसके रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है. अब तक सिर्फ 17 लोगों की जानकारी मिली है, जिनमें से 14 की तो मौत हो गई है. तीन में से एक गंभीर रूप से घायल है और दो लोग सुरक्षित हैं.
अब जानें क्या बोले अधिकारी
पालघर की जिला कलेक्टर इंदु रानी जाखड़ का कहना है कि मलबे में अभी और लोगों के फंसे होने की आशंका है. अधिकारियों की मानें तो गली बहुत ही संकरी है, जिस वजह से भारी मशीनें अंदर नहीं आ पा रही हैं. शुरुआत में मलबे को रेस्क्यू टीमों ने हाथ से ही हटाया था, हालांकि, अब छोटी मशीने लगा दी गई हैं, वे मलबा हटा रही हैं. वसई-विरार नगर निगम के असिस्टेंट कमिश्नर गिल्सन गोंसाल्वेस ने बताया कि अब काम तेजी से चल रहा है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विवेकानंद कदम ने बताया कि राहत की बात है कि जिस ब्लिडिंग का हिस्सा ढहा है, वह खाली था, नहीं तो हादसा और बड़ा हो सकता था. इस वजह से बड़ा नुकसान टल गया है. दूसरी चॉलों को भी खाली करवा लिया गया है. वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया दिया गया है.
हादसे ने कई लोगों को बेघर किया
बता दें, रमाबाई अपार्टमेंट में कुल 50 फ्लैट थे, जिनमें से 12 फ्लैट उस हिस्से में थे, जो ढह चुकी है. निगम ने साफ कर दिया है कि बिना इजाजत के इस बिल्डिंग को बनाया गया था. हादसे ने कई परिवारों की खुशियां छीन ली है, कई परिवार एकदम से बेघर हो गए हैं. पीड़ितों को वर्तमान में चंदनसर समाज मंदिर में ठहराया गया है, वहां उन्हें खाना-पीना और दवाईयों सहित अन्य जरूरी चीजें दी जा रही हैं.