Naxals Surrender: 11 नक्सलियों ने महाराष्ट्र में किया सरेंडर, कुल 89 लाख के थे इनामी

Naxals Surrender: महाराष्ट्र में नक्सलियों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. महाराष्ट्र के गढ़ चिरौली में 11 नक्सलियों ने पुलिस हेडक्वार्टर में आत्मसमर्पण किया है. सभी को कुल 89 लाख रुपये का इनाम था.

Naxals Surrender: महाराष्ट्र में नक्सलियों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. महाराष्ट्र के गढ़ चिरौली में 11 नक्सलियों ने पुलिस हेडक्वार्टर में आत्मसमर्पण किया है. सभी को कुल 89 लाख रुपये का इनाम था.

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Jalaj Kumar Mishra
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11 Naxals Surrendered in Maharashtra reward of 89 Lakhs

Naxals Surrender

Naxals Surrender: नक्सल अभियान को महाराष्ट्र में बड़ी सफलता मिली है. नक्सलमुक्त भारत की दिशा में ये एक बड़ा योगदान है. गोंदिया जिले में 11 नक्सलियों ने पुलिस हेडक्वार्टर में आत्मसमर्पण किया है. कुल 89 लाख रुपये का इन पर इनाम था. पुलिस के अनुसार, ये सभी दरेकसा दलम से जुड़े हुए थे. ये समूह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का सबसे एक्टिव नक्सली समूह माना जाता है. 

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25 लाख के इनामी विनोद सैयाना ने भी डाले हथियार

जिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, उनमें सबसे बड़ा नाम अनंत उर्फ विनोद सैयाना का है. तेलंगाना के करीमनगर जिले के रहने वाले विनोद पर 25 लाख रुपये का इनाम था. आत्मसमर्पण के दौरान उसने अपनी एके-47 रायफल भी जमा कर दी. इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के सरेंडर की वजह से दरेकसा दलम की ताकत लगभग टूट गई है. अन्य सदस्यों में रानी उर्फ़ रमे यसू नरोटे, शेवंती रायसिंह पांद्रे, नक्के सुक्लू कारा, शीला चामरू मडावी, पांडु पु्सु वड्डे, संतू उर्फ़ तिजाउराम पोरेत्ती, सन्नू मुड़ीयम, सदु पुलई सोट्टी, ऋतु भीमा डोडी और काशीराम राज्या बंटुला शामिल हैं. पुलिस के सामने सभी ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय किया है. 

गुट के अधिकांश सदस्यों ने किया सरेंडर- डीआईजी

गढ़चिरौली रेंज के डीआईजी अंकित गोयल ने बताया कि दलम लंबे वक्त से एमएमसी जोन में एक्टिव था. हालांकि, इसके अधिकांश सदस्यों ने अब आत्मसमर्पण कर दिया है. वे मुख्यधारा में शामिल होने के लिए तैयार हैं. 

ये है भारत सरकार का लक्ष्य 

बता दें, अक्टूबर में अक्टूबर में नक्सल कमांडर भूपति ऊर्फ सोनू ने अपने 60 साथियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था. कई राज्यों ने भूपति पर इनाम घोषित किया था. केंद्र सरकार की योजना है कि 2026 तक भारत को नक्सल मुक्त बनान है. इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है. भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए नक्सलवाद हमेशा सबसे बड़ी चुनौती रहा है.  

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