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अजीत पवार से उनके छोटे बेटे जय पवार को विधानसभा चुनाव लड़ाने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैंने अब तक सात से आठ बार चुनाव लड़ा है. मुझे फिर से चुनाव लड़ने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है.
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की बिसात बिछना शुरू हो गई है. बारामती सीट फिर से चर्चा का विषय बन गई है. लोकसभा चुनाव में यहां से अजित पवार खेमे को शरद पवार खेमे के सामने घुटने टेकने पड़े थे. लेकिन एक बार फिर अजित पवार नई चाल चल सकते हैं. उन्होंने ने संकेत दिया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने में कोई रुचि नहीं रख रहे हैं.
दरअसल, गुरुवार को जब मीडिया ने अजीत पवार से उनके छोटे बेटे जय पवार को विधानसभा चुनाव लड़ाने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैंने अब तक सात से आठ बार चुनाव लड़ा है. मुझे फिर से चुनाव लड़ने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है. अगर हमारे पार्टी कार्यकर्ता जय को मैदान में उतारने की मांग करते हैं, तो हम इस बारे में सोचेंगे.
बारामती के लिए उम्मीदवार का फैसला संसदीय बोर्ड और बारामती में स्थानीय पार्टी इकाई करेगी.' उन्होंने आगे कहा कि अगर संसदीय बोर्ड और लोगों को लगता है कि जय को मैदान में उतारा जाना चाहिए, तो राकांपा उन्हें मैदान में उतारने के लिए तैयार है.
इसके बाद जब अजित पवार से पूछा गया कि क्या वह अपनी चचेरी बहन और प्रतिद्वंद्वी एनसीपी (शरदचंद्र पवार) सांसद सुप्रिया सुले के साथ रक्षाबंधन मनाएंगे, इसपर उन्होंने कहा कि वह फिलहाल राज्य के दौरे पर हैं और किसी जगह अपनी सभी बहनों से मिलेंगे. उन्होंने कहा, 'अगर सुप्रिया सुले उस जगह पर होंगी, जहां मैं हूं, तो मैं उनसे मिलूंगा.'
अजित पवार ने अपने और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच मतभेदों के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब दिया. उन्होंने ऐसी खबरों को खारिज करते हुए कहा कि दोनों साथ मिलकर सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं.
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बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में अजित की पत्नी सुनेत्रा पवार उनकी चचेरी बहन सुप्रिया सुले से बारामती में 1.5 लाख से ज्यादा वोटों से हार गईं थीं. जय पवार ने 2019 में मावल में अपने भाई के लिए प्रचार किया था. इसके अलावा, 2024 में के लोकसभा चुनावों में उन्होंने बारामती लोकसभा क्षेत्र में अपनी मां के चुनाव अभियान को एक साथ संभाला था. संयोग से, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (SP) भी बारामती विधानसभा सीट के लिए अजित पवार के भतीजे युगेंद्र पवार को मैदान में उतार सकती है. युगेंद्र पिछले कुछ महीनों से राजनीति में सक्रिय हैं और उन्होंने सुनेत्रा के खिलाफ सुले के लिए प्रचार किया था.