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कांग्रेस अध्यक्ष कोई भी बने गांधी परिवार के साथ मिलकर काम करेगा : थरूर

कुछ नेताओं द्वारा खुले तौर पर अन्य उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के समर्थन में बात कहे जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर थरूर ने कहा, सिर्फ मुख्यमंत्री ही नहीं जो भी पदाधिकारी हैं चाहे उनमें महासचिव हो, प्रदेश अध्यक्षों, नेता प्रतिपक्ष इन सभी को न तो किसी उम्मीदवार के साथ होना चाहिए और और न ही किसी उम्मीदवार के लिए प्रचार करना चाहिए, अंतर आत्मा के साथ वोट करना चाहिए, यह पार्टी का संविधान कहता है.

Updated on: 14 Oct 2022, 06:09 PM

भोपाल:

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर शुक्रवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे. यहां उन्होंने इशारों-इशारों में गांधी परिवार के प्रति अपनी निष्ठा तो जताई, साथ ही कहा कि अध्यक्ष कोई भी बने गांधी परिवार के साथ काम करेगा.

अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के तौर पर अपने लिए वोट मांगने पहुंचे शशि थरूर ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि, कांग्रेस में अध्यक्ष की भूमिका स्पष्ट है. कांग्रेस संविधान के अनुसार पार्टी के अध्यक्ष की भूमिका स्पष्ट है, हां जहां तक राय की बात है तो अध्यक्ष कोई भी बने मैं भी बनूं तो हमारी पार्टी के जो बड़े-बड़े नेता हैं सबसे बड़े हैं गांधी परिवार के, पार्टी सारे अंग उनके साथ ही काम करेंगे और मैं भी इसमें कोई फर्क नहीं देखता.

कुछ नेताओं द्वारा खुले तौर पर अन्य उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के समर्थन में बात कहे जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर थरूर ने कहा, सिर्फ मुख्यमंत्री ही नहीं जो भी पदाधिकारी हैं चाहे उनमें महासचिव हो, प्रदेश अध्यक्षों, नेता प्रतिपक्ष इन सभी को न तो किसी उम्मीदवार के साथ होना चाहिए और और न ही किसी उम्मीदवार के लिए प्रचार करना चाहिए, अंतर आत्मा के साथ वोट करना चाहिए, यह पार्टी का संविधान कहता है.

शशि थरूर को भरोसा है कि बड़ी संख्या में लोग उनका साथ देंगे. साथ ही उन्होंने कहा अब तक हमें जो सुनाई दिया, लोग काफी समर्थन देने को तैयार हैं, कुछ लोग हैं जो खुलकर नहीं कह सकते, लेकिन गुप्त मतदान है प्राइवेटली कह रहे हैं हम आपके साथ हैं.

ज्ञात हो कि इससे पहले मल्लिकार्जुन खड़गे भी मध्यप्रदेश के दौरे पर आए थे और उन्होंने डेलिगेट्स से मुलाकात की थी. इसी तरह शुक्रवार को शशि थरूर ने भी डेलिगेट्स और नेताओं से मुलाकात की. खड़गे के भोपाल प्रवास के समय जैसी चहल-पहल पार्टी दफ्तर में थी वैसी तो थरुर के प्रवास के समय नजर नहीं आई.