कमल नाथ सरकार को अस्थिर करने के मकसद से विधायकों की खरीद-फरोख्त के पीछे कौन
राज्य की सियासत में बीते दो दिनों से कांग्रेस और सरकार को समर्थन देने वाले अन्य विधायकों को 25 से 35 करोड़ का प्रलोभन दिए जाने और दिल्ली ले जाए जाने का पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने खुलकर आरोप लगाया.
Bhopal:
मध्यप्रदेश में कमल नाथ सरकार को अस्थिर करने के मकसद से विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश भले ही कामयाब न हुई हो और कांग्रेस को राहत मिल गई हो, मगर अभी इस पर से पर्दा उठना बाकी है कि आखिर इस साजिश के पीछे का मुख्य किरदार है कौन? सत्तापक्ष कांग्रेस और भाजपा इस पूरे मामले के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
राज्य की सियासत में बीते दो दिनों से कांग्रेस और सरकार को समर्थन देने वाले अन्य विधायकों को 25 से 35 करोड़ का प्रलोभन दिए जाने और दिल्ली ले जाए जाने का पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने खुलकर आरोप लगाया. उसके बाद कांग्रेस, सपा और बसपा के नौ विधायकों को दिल्ली ले जाए जाने का खुलासा हुआ.
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पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कांग्रेस और समर्थक विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश में भाजपा के पांच नेताओं- पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री संजय पाठक, भूपेंद्र सिंह, नरोत्तम मिश्रा और विश्वास सारंग के शामिल होने का आरोप लगाया.
बुधवार को राज्य के सात विधायकों के हरियाणा के गुरुग्राम के होटल में बंधक बनाए जाने की बात सामने आई, वहीं कांग्रेस ने एक बसपा विधायक रामबाई को इस होटल से मुक्त कराए जाने का दावा किया. देर शाम कांग्रेस पांच विधायकों को चार्टर्ड विमान से दिल्ली से भोपाल लेकर आई है. इसके अलावा चार विधायकों के बेंगलुरू ले जाए जाने की बात भी कही जा रही है.
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भी इस पूरे घटनाक्रम में माफियाओं के शामिल होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "भाजपा माफियाओं के साथ मिलकर प्रदेश कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का असफल प्रयास पिछले कई दिनों से कर रही है. राज्य में ये सभी माफिया भाजपा के संरक्षण में पिछले 15 साल में पनपे हैं."
कांग्रेस के आरोपों पर पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "राज्यसभा के चुनाव आ रहे हैं, वे फिर राज्यसभा जाना चाहते हैं और इसके लिए दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री कमल नाथ पर दबाव बनाना चाहते हैं, इसलिए ये सारा ड्रामा रचा गया."
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा का कहना है कि इस घटनाक्रम से भाजपा का कोई लेनादेना नहीं है. ये सब कांग्रेस के अंर्तकलह का नतीजा है और इसका जवाब मुख्यमंत्री कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दें. वर्तमान की सरकार ब्लैकमेल सरकार है जो जोड़तोड़ से बनी थी.
भाजपा और कांग्रेस इस पूरे घटनाक्रम के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही है, वहीं कमल नाथ सरकार के वनमंत्री उमंग सिंघार के ट्वीट ने अपने ही नेता को घेर लिया है. सिंघार ने ट्वीट कर सरकार को तो सुरक्षित बताया है, मगर अपने ही दल के नेता पर हमला बोला है. यह हमला भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर होता दिख रहा है.
सिंघार ने ट्वीट कर कहा, "कमलनाथ जी की सरकार पूर्ण रूप से सुरक्षित है, यह राज्यसभा में जाने की लड़ाई है, बाकी आप सब समझदार हैं." कांग्रेस और भाजपा इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भले ही एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया जा रहा हो, मगर यह सवाल बना हुआ है कि आखिर इस पूरे घटनाक्रम का असली सूत्रधार कौन है?
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