मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में रविवार की सुबह हल्की ठंड का अहसास कराने वाली रही. राज्य में रविवार की सुबह का मौसम सुहावना रहा. हवाओं के चलने से हल्की ठंड का अहसास हुआ तो धूप ने ठंड से राहत दी. राज्य के कई हिस्सों के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. रातें और सुबह ठंडी हैं मगर दिन चढ़ने के साथ सुबह के समय सुहावनी लगने वाली धूप चुभने लगती है.
राज्य के तापमान में बदलाव का क्रम बना हुआ है. रविवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 18.6 , ग्वालियर का 16 और जबलपुर का न्यूनतम तापमान 16.1 सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, शनिवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 34 डिग्री सेल्सियस सेल्सियस, ग्वालियर का 33.4 डिग्री सेल्सियस और जबलपुर का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रहा.
बदलते मौसम से रहें सावधान
सर्दियों के दौरान मौसम में अचानक बदलाव होने से सर्दी, जुकाम से परेशान और त्वचा पर चकत्ते से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ जाती है. साथ ही मौसम में एलर्जी के मामले भी अधिक देखने को मिलते हैं. कुछ लोगों को सांस लेने की समस्या और शरीर में खुजली की समस्या का भी सामना करना पड़ता है. दरअसल सर्दियों में लोग घरों के अंदर इनडोर एलर्जी के शिकार हो जाते हैं. जैसे धूल कण, सूक्ष्म जीवाणु और फफूंदी से जुड़ी एलर्जी, क्योंकि इस मौसम में वे ज्यादा समय घरों में रहते हैं. फफूंदी और घरों की गंदगी दमा रोग बढ़ाती हैं. इससे खांसी, गले में घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ होती है. शहरों में प्रदूषण के बढ़े स्तर को भी देखा गया है. इस तरह की एलर्जी को रोकने के लिए घर और आसपास की जगह को साफ-सुथरा रखना चाहिए.
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एलर्जी को रोकने के संबंध में सुझाव:
- घर में धूल और गंदगी से कालीन और बिस्तर पर सूक्ष्म रोगाणु पनपने लगते हैं. जो एलर्जी का कारण बनते हैं. एलर्जी के कारण की पहचान के लिए एक खास खून जांच है, जिसका नाम है कॉम्प्रीहेन्सिव एलर्जी टेस्ट. एक बार एलर्जी का कारण पता चल जाता जाने पर इलाज को शुरू किया जा सकता है.
- धूल कणों और सूक्ष्म रोगाणुओं से बचाव के लिए घर के अंदर हवा के प्रवाह में सुधार लाएं. किचन, बाथरूम और कमरों को साफ-सुथरा रखें. घर और कालीन की नियमित रूप से सफाई करें.
- एलर्जी से पीड़ित लोग खुद को धूल और गंदगी से दूर रखें. दमा और गले की सूजन से पीड़ित लोगों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. त्वचा की एलर्जी या चकत्ते से पीड़ित लोगों को भी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
Source : IANS