वंदे मातरम् पर रारः मध्‍य प्रदेश में BJP के सभी MLA गाएंगे वंदे मातरम्

मध्‍य प्रदेश में पहली जनवरी को मंत्रालय में वंदे मातरम् न गाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में विवाद छिड़ गया है.

मध्‍य प्रदेश में पहली जनवरी को मंत्रालय में वंदे मातरम् न गाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में विवाद छिड़ गया है.

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Drigraj Madheshia
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वंदे मातरम् पर रारः मध्‍य प्रदेश में BJP के सभी MLA गाएंगे वंदे मातरम्

मध्‍य प्रदेश में पहली जनवरी को मंत्रालय में वंदे मातरम् न गाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में विव

मध्‍य प्रदेश में पहली जनवरी को मंत्रालय में वंदे मातरम् न गाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में विवाद छिड़ गया है. पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) ने सरकार से मंगा की है कि वंदे मातरम् (Vande matram) का गान हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को होना चाहिए. लेकिन कमलनाथ (kamal nath) ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया है. हालांकि कांग्रेस के कई मंत्री भी वंदे मातरम् नहीं गाए जाने पर आश्‍चर्य चकित हुए थे.

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मध्‍य प्रदेश में सरकार क्‍या बदली मंत्रियों और अफसरों का नजरिया भी बदल गया. 13 साल पहले बतौर मुख्‍यमंत्री बाबूलाल गौर ने जिस परंपरा को शुरू किया था उसे कांग्रेस की सरकार ने आते ही तोड़ा दिया. हर महीने की पहली तारीख को गाया जाने वाला वंदे मातरम् मंत्रालय में आज नहीं गूंजा. इसके बाद पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या कांग्रेस को राष्ट्रगीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर गायन में शर्म आ रही है. यह बता दें.

मैं खुद हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् गाऊंगा. कांग्रेस शायद यह भूल गई है कि देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं. सरकारें तो आती-जाती रहती हैं. मेरी मांग है कि वंदे मातरम् का गान हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को होना चाहिए. इससे लोगों में नई ऊर्जा का संचार होता है.  

सिर्फ एक दिन गाने से देशभक्ति नहीं दिखती ः कमलनाथ, मुख्यमंत्री

शिवराज के हमलों पर जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा कि माह की पहली तारीख को वंदे मातरम् की अनिवार्यता को फिलहाल अभी बंद करने का निर्णय लिया गया है. यह निर्णय किसी एजेंडे के तहत नहीं लिया गया है, और न ही हमारा वंदे मातरम् गीत को लेकर कोई विरोध है. यह हमारे दिल की गहराइयों में बसा है. हम भी समय-समय पर इसका गान करते हैं. इसे वापस प्रारंभ करेंगे, लेकिन एक अलग रूप में. उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ एक दिन वंदे मातरम् गाने से किसी की देशभक्ति या राष्ट्रीयता परिलक्षित नहीं होती है. देशभक्ति व राष्ट्रीयता को सिर्फ एक दिन वंदे मातरम् गान से जोड़ना गलत है. जो लोग वंदे मातरम् गायन नहीं करते है, तो क्या वे देशभक्त नहीं है? 

कमलनाथ ने कहा कि हमारा यह भी मानना है कि राष्ट्रीयता या देशभक्ति का जुड़ाव दिल से होता है. इसे प्रदर्शित करने की आवश्यकता नहीं है. हमारी भी धर्म , राष्ट्रीयता , देशभक्ति में आस्था है. कांग्रेस पार्टी जिसने देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ी. उसे देशभक्ति, राष्ट्रीयता के लिये किसी से भी प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता नहीं है. हमारा यह भी मानना है कि इस तरह के निर्णय वास्तविक विकास के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिये व जनता को गुमराह ,भ्रमित करने के लिये थोपे जाते रहे हैं. भारत में रहने वाला हर नागरिक देशभक्त, राष्ट्र भक्त है. उससे किसी भी प्रकार के प्रमाणपत्र लेने की और ना उसे किसी को देने की आवश्यकता है. भाजपा इस पर राजनीति ना करे. हम इसे नये रूप में लागू करेंगे.

Source : News Nation Bureau

Vande matram issue Kamal nath Vs Shivraj Vande matram in mp
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