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मध्यप्रदेश में कोरोना योद्धा कल्याण योजना के तहत केवल छह पुलिसकर्मियों के परिजनों को ही मिले 50 लाख

विधानसभा में विधायक बाला बच्चन के लिखित प्रश्न पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के जवाब में यह जानकारी सामने आयी. पुलिस कर्मियों की कोविड-19 से मौत के बाद उनके परिजनों ने कोरोना योद्धा कल्याण योजना के अंतर्गत आवेदन किया था.

Updated on: 09 Aug 2021, 10:21 PM

highlights

  • कोरोना के दौरान पुलिस कर्मियों द्वारा किए गए काम की सभी ने प्रशंसा की थी
  • 10 लोगों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं. वहीं 120 आवेदनों पर अभी विचार किया जा रहा है
  • CM शिवराज ने कोरोना में मरने वाले योद्धाओं के परिजनों को 50 लाख की राशि देने की घोषणा की थी

भोपाल:

मध्यप्रदेश में कोरोना के कारण अभी तक 156 पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है. इनमें से केवल 6 पुलिसकर्मियों के परिजनों को ही कोरोना योद्धा कल्याण योजना का लाभ मिला है. विधानसभा में विधायक बाला बच्चन के लिखित प्रश्न पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के जवाब में यह जानकारी सामने आयी. पुलिस कर्मियों की कोविड-19 से मौत के बाद उनके परिजनों ने कोरोना योद्धा कल्याण योजना के अंतर्गत आवेदन किया था. इनमें से 10 लोगों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं. वहीं 120 आवेदनों पर अभी विचार किया जा रहा है. इन आवेदनों को किए गए 1 साल होने को है, लेकिन इनका अभी तक इन पर निर्णय नहीं किया गया है. 

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कोरोना योद्धाओं के परिजनों की मौत कोरोना के कारण होने पर 50 लाख की राशि दी जाएगी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की पहली लहर के दौरान यह घोषणा की थी. इस योजना के अंतर्गत कई श्रेणी के कर्मचारियों को कोरोना वारियर्स की श्रेणी में रखा गया था. इनकी मौत के बाद अब उनके परिजन भटक रहे है.

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कोरोना के दौरान पुलिस कर्मियों द्वारा किए गए काम की सभी ने प्रशंसा की थी.  अब उनके परिजनों को कोरोना योद्धा कल्याण योजना का लाभ न मिलने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है. बाला बच्चन का कहना है की कोरोना कल्याण योद्धा योजना का सभी पुलिसकर्मियों के परिजनों को लाभ मिलना चाहिए जिनकी कोरोना के कारण मौत हुई है. बच्चन ने कहा कि जिस प्रकार से प्रकरण रिजेक्ट किए जा रहे हैं, उससे साफ है कि, सरकार अब 50 लाख की राशि देने से बचना चाहती है. उन्होंने कहा की यही हालत अनुकंपा नियुक्ति के मामले में हैं. जिन लोगों की कोरोना वायरस से मौत हुई है, अब उनके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही है.