उमा भारती ने महाकाल मंदिर के पुजारी से कहा- आप मुझे साड़ी गिफ्ट कर दें, अगली बार वही पहन कर आऊंगी
उज्जैन के बाबा महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में सांसद उमा भारती ने मंगलवार को पूजा अर्चना की. इस दौरान मंदिर के पुजारियों ने उमा भारती के ड्रेस को लेकर नाराजगी जताई.
highlights
- उमा भारती ने महाकाल के गर्भगृह में पूजा अर्चना की
- मंदिर के पुजारी ने उनके ड्रेस कोड पर जताया एतराज
- उमा भारती ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए अगली बार साड़ी पहन लेंगी
नई दिल्ली:
उज्जैन के बाबा महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में सांसद उमा भारती ने मंगलवार को पूजा अर्चना की. इस दौरान मंदिर के पुजारियों ने उमा भारती के ड्रेस को लेकर नाराजगी जताई. दरअसल, महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सिले हुए कपड़े पहनकर प्रवेश करना मना है. लेकिन उमा भारती सिले हुए कपड़े पहनकर भगवान के दर्शन किए.
हालांकि उमा भारती ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि मुझे पुजारियों द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड पर कोई आपत्ति नहीं है, मैं जब अगली बार मंदिर में दर्शन करने आऊंगी तब वह यदि कहेंगे तो मैं साड़ी भी पहन लूंगी.
एक के बाद एक ट्वीट करके केंद्रीय मंत्री ने पूरी घटना की जानकारी दी. उमा ने अपने पहले ट्वीट में कहा, 'आज मैंने सवेरे 9:00 से 10:00 के बीच में उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन किए एवं उन्हें जल चढ़ाया एवं संपूर्ण विश्व के कल्याण की कामना की.'
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दूसरे ट्वीट में कहा, 'दर्शन करके मंदिर से बाहर निकली तब मीडिया जगत से जुड़े कई लोग उपस्थित थे, उन्होंने बहुत सारे प्रश्न किए, किंतु एक महत्वपूर्ण प्रश्न ड्रेस कोड के बारे में था.'
तीसरे ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मैंने उसका उत्तर दिया जो इस प्रकार है, मुझे पुजारियों द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड पर कोई आपत्ति नहीं है, मैं जब अगली बार मंदिर में दर्शन करने आऊंगी तब वह यदि कहेंगे तो मैं साड़ी भी पहन लूंगी.मुझे तो साड़ी पहनना बहुत पसंद है तथा मुझे और खुशी होगी यदि पुजारीगण ही मुझे अपनी बहन समझकर मंदिर प्रवेश के पहले साड़ी भेंट कर दें मैं बहुत सम्मानित अनुभव करूंगी.'
... मुझे तो साड़ी पहनना बहुत पसंद है तथा मुझे और खुशी होगी यदि पुजारीगण ही मुझे अपनी बहन समझकर मंदिर प्रवेश के पहले साड़ी भेंट कर दें मैं बहुत सम्मानित अनुभव करूंगी।" (4)
— Uma Bharti (@umasribharti) July 30, 2019
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पांचवें और छठे ट्वीट में मोदी सरकार के मंत्री ने कहा, 'उज्जैन में महाकाल स्वयं अपनी शक्ति से तथा यहां के पुजारियों की परंपराओं के प्रति निष्ठा के कारण बने हुए हैं.यह बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि महाकाल के पुजारी युद्ध कला में भी पारंगत हैं वह महाकाल के सम्मान की रक्षा के लिए जान न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं.'
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