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मध्य प्रदेश में उमा भारती के खत से फिर गर्माया शराबबंदी का मुद्दा

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को सोमवार की रात को एक पत्र लिखा और उसमें सार्वजनिक करने की भी बात कही. इस पत्र में उमा भारती ने कहा है कि शराब समाज के लिए घातक है, इसके लिए उन्होंने कोरोना काल में लगे लॉकडाउन का जिक्र किया.

Updated on: 09 Mar 2021, 10:39 PM

highlights

  • भाजपा हर सामाजिक बुराई के लिए सामाजिक स्तर पर अभियान चलाती है.
  • शराबबंदी और नशाबंदी के लिए सामाजिक चेतना जागृत करने की जरुरत है.
  • कांग्रेस ने उमा भारती के पत्र को लेकर तंज कसा हैं.

भोपाल:

मध्य प्रदेश में शराबबंदी और नशाबंदी का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को खत लिखा है. उमा भारती के इस खत से राज्य की सियासत में गर्माहट आ गई है. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को सोमवार की रात को एक पत्र लिखा और उसमें सार्वजनिक करने की भी बात कही. इस पत्र में उमा भारती ने कहा है कि शराब समाज के लिए घातक है, इसके लिए उन्होंने कोरोना काल में लगे लॉकडाउन का जिक्र किया और कहा कि लॉकडाउन के बाद शराब का कारोबार भी खुला. शराब पीने से बहुत सारे लोग मरे, जबकि कोरोना काल में शराबबंदी के दौर में एक भी मृत्यु शराब पीने से नहीं हुई. इसका मतलब है शराब मानवता की दुश्मन है.

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उमा भारती ने सोमवार को नशामुक्ति अभियान की शुरुआत के साथ पार्टी के प्रदेषाध्यक्ष को पत्र लिखा है. उसमें आगे लिखा है कि, "मैं इस बात से सहमत हूं कि शराब और नशा स्वेच्छा से ही छोड़ा जाना चाहिए, किंतु समाज को समग्र रूप से स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी सरकार की होती है. हम शराब और नशे को कहीं से भी स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित नहीं कह सकते. इसलिए हमें इसे रोकने के बारे में सोचना चाहिए."

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उमा भारती ने गुजरात और बिहार की शराबबंदी का जिक्र करते हुए लिखा है कि, "दोनों ही जगह पर लंबे समय से हमारी और हमारी समर्थित सरकार हैं तो अब इस दिशा में दोनों राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में शराबबंदी और नशाबंदी के बाद की स्थितियों की तुलना करते हुए हम एक क्रमिक शराबबंदी और नशाबंदी की योजना बना सकते हैं."

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पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पत्र के साथ कई सुझाव भी दिए हैं. उनका कहना है कि, "राजस्व की हानि के लिए विकल्प के लिए कमेटी बनाई जानी चाहिए, स्वचेतना से शराब नशा छोड़ने के लिए जागरण का अभियान चलाया जाए, वर्जित स्थानों पर शराब की दुकानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगे, शराब पीकर जनसामान्य के बीच में विचरण करने पर दंड का प्रावधान हो और इसका क्रियान्वयन किया जाए."

उमा भारती का खत मिलने की बात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने स्वीकारी है और उन्होंने कहा है कि, "उमा भारती हमारी पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं. भाजपा हर सामाजिक बुराई के लिए सामाजिक स्तर पर अभियान चलाती है. शराबबंदी और नशाबंदी के लिए सामाजिक चेतना जागृत करने की जरुरत है, इस दिशा में प्रयास भी होत रहे हैं, जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा यात्रा की थी, तब नर्मदा नदी के किनारे एक किलोमीटर की दूरी तक स्थित शराब दुकानों को बंद कर दिया गया था. भाजपा हमेशा ही समाज में जागृति लाने के अभियान चलाती रही है और उसकी पक्षधर है."

वहीं कांग्रेस ने उमा भारती के पत्र को लेकर तंज कसा हैं. प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा है, "प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का प्रदेश में शराब बंदी को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को लिखा पत्र खुद कई सवाल खड़े कर रहा है?"