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किसान कर्जमाफी पर शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ के बीच छिड़ा ट्विटर वॉर

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में किसान कर्जमाफी को लेकर सियासत गरमाई हुई है.

Updated on: 11 May 2019, 01:37 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में किसान कर्ज माफी को लेकर अब शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ के बीच ट्विटर वॉर शुरू हो गया है. शनिवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि हमने 21 लाख किसानों के खाते में राशि पहुंचाई है. इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वो झूठ पर झूठ बोले रहे हैं, उन्हें कुछ तो शर्म करनी चाहिए.

सूबे के किसानों की कर्जमाफी पर अब तक दोनों दिग्गजों के बीच जुबानी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा था. लेकिन अब ये लड़ाई सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल रही है. मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) ने आज सुबह एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा, 'भले सारे प्रमाण हमने सामने ला दिये हैं, लेकिन असली मुद्दा कर्ज माफी ही है, किसानों के खाते में राशि आना है, जो हमने किया है.' कमलनाथ ने आगे लिखा, '21 लाख किसानों के खाते में राशि हमने पहुंचायी है. जिसे खुद शिवराज सिंह ने भी स्वीकारा है कि हां मेरे भाई का कर्ज माफ हुआ है.' 

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कमलनाथ के इस हमले का जवाब देने के लिए शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) भी सोशल मीडिया पर आ गए और उन्होंने लगातार 4 ट्वीट कर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा. शिवराज सिंह ने कमलनाथ के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, 'झूठ पर झूठ, कमलनाथ जी कुछ तो शर्म करो. जब मेरे भाई ने आवेदन ही नहीं दिया तो आपने कर्जा किसका माफ कर दिया ? आपने वचनपत्र में कहा था कि आयकरदाता किसानों का कर्ज सरकार माफ नहीं करेगी, मेरा भाई करदाता है, फिर आपने उसका कर्जा कैसे माफ किया ? यहां भी झोलझाल !'

पूर्व मुख्यमंत्री ने अगले ट्वीट में लिखा, 'कमलनाथ जी, आपकी सरकार के कर्जमाफी का पहला ऑर्डर ही झूठा निकला. आपने वादा किया था कि 2 लाख रुपये तक के किसानों के सभी कर्ज माफ होंगे और ऑर्डर जारी हुआ फसली ऋण माफी का. यह किसानों के साथ धोखा नहीं तो क्या है !'

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अपने तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'कमलनाथ जी, आज तक आपने एक भी बैंक के 'नो ड्यूज़ सर्टिफिकेट' नहीं दिखाए. आप अपने प्रमाण पत्र दे रहे हैं, कर्ज तो तब माफ माना जायेगा, जब बैंक किसानों को नो ड्यूज़ दे दें.'

शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा, 'सरकार बैंक ट्रांसफर का यूटीआर (Unique Transaction Reference) नंबर दिखाए, जिसके बिना राशि का हस्तांतरण असंभव है. कमलनाथ सरकार कर्जमाफी पर केवल हवा-हवाई बातें कर रही है. किसान प्रदेश की समृद्धि का आधार है, इसको छला तो प्रदेश और देश आपको माफ नहीं करेगा.'

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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में किसान कर्जमाफी को लेकर सियासत गरमाई हुई है. सूबे की विपक्षी पार्टी बीजेपी (BJP) जहां किसानों का कर्जमाफी नहीं होने का दावा कर रही है तो वहीं कांग्रेस (Congress) डाटा जारी कर कर्जमाफी के दावे पेश कर रही है. जहां कमलनाथ सरकार लगातार शिवराज सिंह चौहान के भाई और चाचा के बेटे का भी कर्ज माफ होने का दावा कर रही है, वहीं शिवराज सिंह उनके इस दावे को खारिज कर चुके हैं.

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