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तीन तलाक: सजा से बचने के लिए बिना तलाक के हो रही शादी

तीन तलाक के दंश से मुस्लिम महिलाओं को बचाने के लिए जुलाई में कानून बनाया गया. लेकिन इस कानून से बचने के लिए शौहर नया तरीका अपना रहे हैं. इसके कई मामले सामने आ रहे हैं.

Updated on: 22 Oct 2019, 10:27 AM

भोपाल:

तीन तलाक के दंश से मुस्लिम महिलाओं को बचाने के लिए जुलाई में कानून बनाया गया. लेकिन इस कानून से बचने के लिए शौहर नया तरीका अपना रहे हैं. इसके कई मामले सामने आ रहे हैं. कई महिलाओं के पति अपनी पत्नियों को तलाक नहीं दे रहे हैं. बल्कि बिना उनकी इजाजत के ही निकाह कर ले रहे हैं.

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सरकार ने इसी साल मुस्लिम महिला अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 पास किया था. जिसमें महिला को तीन तलाक देने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है. लेकिन बिना तलाक के दूसरी शादी को लेकर कोई प्रावधान नहीं है. अकेले गौरवी में ही ऐसे कई मामले सामने आए हैं. इस तरह के ज्यादातर केस पुलिस थानों से गौरवी को भेजे गए हैं.

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बारखेड़ा में रहने वाले एक दंपति के घर बेटी पैदा हुई थी. बेटी के पैदा होते ही पति ने पत्नी के साथ मारपीट शुरु कर दी. परिवार के लोग बेटी के साथ भी बुरा व्यवहार करते थे. एक दिन पति ने गुस्से में अपनी पत्नी और बेटी को घर से निकाल लिया. इसके बाद इसी साल जुलाी में सादिक ने गोहर को बताए बिना दूसरा निकाह कर लिया. इसके बाद पत्नी ने अपने पति के खिलाफ अशोका गार्डन में FIR दर्ज कराई.

पत्नी बीमार हुई तो छोड़ दिया मायके

25 वर्षीय सकीना (परिवर्तित नाम) का निकाह सितंबर 2017 में जहांगीराबाद में रहने वाले मोहम्मद खान (परिवर्तित नाम) के साथ हुआ था. कुछ समय बाद ही ससुराल वालों ने बच्चे का दबाव बनाया. बच्चा न होने पर सकीना ने सभी जांच करवाई. डॉक्टर ने उसे मां बनने के लिए पूरी तरह फिट बताया और पति से जांच कराने के लिए कहा जिसके लिए उसने साफ इनकार कर दिया. इसी बीच सकीना बीमार हुई तो उसके पति ने उसे मायके छोड़ दिया. अब बताया जा रहा है कि उसने दूसरा निकाह कर लिया.

पत्नी की इजाजत जरूरी

इस्लाम में दूसरी शादी के लिए पहली पत्नी से स्वीकृति अनिवार्य है. परिवार परामर्श केंद्र महिला थाना के काउंसलर मोहिब अहमद का कहना है कि दूसरी शादी के लिए पहली पत्नी से इजाजत लेनी पड़ती है. इसके बावजूद भी पहली पत्नी की पूरी जिम्मेदारी संभालनी पड़ती है.