देश में तेजी से घटती बाघों की संख्या चिंता का विषय बनता जा रहा है। मध्यप्रदेश में शुक्रवार को ट्रेन की पटरी पर एक बाघ का शव मिलने से हडकंप मच गया है। होशंगाबाद बुदनी और मिडघाट क्षेत्र में हुई इस घटना की जानकारी रेलवे के कर्मचारियों ने वन विभाग को दी है, जिसके बाद वन विभाग का अमला घटना स्थल पर पहुंचा।
जानकारी के मुताबिक बुदनी और मिडघाट पर डाउन ट्रेक पर पोल क्रमांक 175/8 के पास रात में ट्रेन की चपेट में आने से घायल बाघ की मौत हो गई थी।
बाघों की करीब 70 फीसदी आबादी भारत में रहती है और मध्य प्रदेश इस मामले में सबसे आगे माना जाता रहा है। ऐसे में यहां आए दिन बाघों की मौत होना वन विभाग के साथ रेलवे विभाग पर कई सवालिया निशान खड़ा करता है।
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यह कोई पहला मामला नहीं है, जब कोई बाघ ट्रेन से टकराकर मरा हो, इस साल मार्च के दूसरे हफ्ते में गुजरात के अमरेली जिले से भी एक बाघ के ट्रेन से टकराने की खबर आई थी, जिसमें घायल बाघ ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। वहीं पिछले वर्ष सतना दिसंबर में भी एक बाघ के ट्रेन से टकराने से मौत हो गई थी।
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बता दें नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनटीसीए) के आंकड़ों के अनुसार इस साल देश भर में अभी तक 78 बाघ मर चुके हैं। यह संख्या पिछले 15 सालों में सबसे ज्यादा है। अपने देश के लिए यह चिंता की बात इसलिए भी है कि कम से कम बाघों के मामले में दुनिया की उम्मीद भरी नजरें हम पर ही टिकी हुई हैं।
HIGHLIGHTS
- आए दिन बाघों की मौत होना वन विभाग के साथ रेलवे विभाग पर कई सवालिया निशान खड़ा करता है, इस साल देश भर में अभी तक मर चुके हैं 78 बाघ
- बाघों के मामले में भारत से है पूरी दुनिया को उम्मीदें, वहीं पिछले वर्ष सतना में भी एक बाघ के ट्रेन से टकराने से मौत हो गई थी
Source : News Nation Bureau