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वन विहार नेशनल पार्क में पिंजरे से बाहर निकला आदमखोर बाघ, जानें फिर क्या हुआ

भोपाल स्थित वन विहान नेशनल पार्क में उस समय अफरा तफरी का महौल हो गया, जब वन विहार की टीम को रेस्क्यू सेंटर में बंद बाघ जिसका नाम शौर्य था वो नजर नहीं आया.

Updated on: 07 Jun 2022, 07:40 PM

भोपाल:

भोपाल स्थित वन विहान नेशनल पार्क में उस समय अफरा तफरी का महौल हो गया, जब वन विहार की टीम को रेस्क्यू सेंटर में बंद बाघ जिसका नाम शौर्य था वो नजर नहीं आया. आनन-फानन में वन विहार नेशनल पार्क के अधिकारियों को सूचना दी गई, जिसके बाद पर्यटकों को बाहर कर करीब दो घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बाघ को कब्जे में लिया गया. वन विहार का आदमखौर बाघ शौर्य रेस्क्यू सेंटर में बंद था. मंगलवार सुबह के सयम जब कर्मचारियों ने बाघ को नहीं पाया तब पता चला कि बाघ बाहर निकल चुका है. बताया जा रहा है कि जू कीपर की गलती से इन्क्लोजर का गेट खुला रहने के कारण बाघ पिंजरे से बाहर आ गया.

दो घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन, पर्यटकों को किया गया बाहर

वन विहार प्रंबधन को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली उसके तुंरत बाद वन विहार प्रंबधन ने वन विहार के अंदर मौजूद सभी पर्यटकों को बाहर किया. इसके बाद वन विहार के दोनों गेट बंद किए गए और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. रेस्क्यू ऑपरेशन में वन विहार ने 4 टीमों का गठन किया. टीमों ने अलग-अलग दिशाओं में बाघ को तलाशने का काम किया. बाघ की तलाश की जा रही थी उसी दौरान एक टीम जिसमें शर्मानंद गैरे वनरक्षक सहित कई सदस्य शामिल थे. उन्हें बाघ बारासिंगा के बाड़े में नजर आया. इस टीम की सूचना के बाद सभी टीमें उसी जगह पहुच गईं.

बाघ का रेस्क्यू कर वापस बाड़े में पहुंचाया गया

वन विहार के डिप्टी डॉयरेक्टर एके जैन ने बताया कि बाघ बारासिंगा बाड़े के किनारे छॉव में लेटा हुआ था, जिसके बाद चारों टीमों ने पहले बाघ की घेराबंदी की, ताकि वो कहीं और न भाग जाए. इसके बाद वन विहार के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अतुल गुप्ता ने उसे ट्रेंक्यूलाइज कर बेहोश किया, और सभी सावधानियों को ध्यान में रखते हुए उसे वापस रेस्क्यू सेंटर में पहुंचाया गया.

आदमखौर था पिंजरे से बाहर आया बाघ शौर्य

बाड़े से जो बाघ बाहर निकल आया था वो आदमखौर था, क्योंकि इस बाघ "शौर्य" से हरदा में तीन लोगों पर हमला किया था, जिसमें एक की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद ग्रामीण बाघ को मारना चाहते थे, लेकिन एसटीआर रेस्क्यू टीम ने रेस्क्यू कर उसे वन विहार पहुंचाया था.

पहले भी दो बार हो चुका है बाघ का रेस्क्यू

बाघ शौर्य को 13 जनवरी 2021 को हरदा से रेस्क्यू कर वन विहार लाया गया था, उसके बाद बाघ को 9 मार्च 2021 को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व छोड़ दिया गया था. किसी कारण वंश फिर से बाघ का रेस्क्यू किया गया और उसे 16 जून 2021 को वापस वन विहार नेशनल पार्क लाया गया.

हो सकता था बड़ा हादसा

वन विहार में सुबह से समय कई लोग मॉनिंग वॉक पर जाते हैं, पर्यटकों की भीड़ भी वन विहार में वन्यप्राणियों को देखने के लिए उमड़ी रहती थी. ऐसे में अगर बाघ की टेरेटरी में काई आ जाता तो उसके बाद की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता था, क्योंकि पहले भी ये बाघ हमला कर एक व्यक्ति की जान ले चुका है.

वन विहार ने ली राहत की सांस, अब दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई

करीब दो घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद जब बाघ को कब्जे ले लिया गया, उसके बाद वन विहार प्रबंधन ने राहत की सांस ली. वन विहार के डिप्टी डॉयरेक्टर का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है, और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.