एशिया में एक बार फिर से खलबली मची, कोरोना के नए वेरिएंट पर पैनी नजर रखी जा रही

कोरोना को लेकर एक फिर खतरा बढ़ गया है. ओमिक्रोन का नया वेरिएंट JN 1 तेजी से फैल रहा है.

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Mohit Saxena
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देशवासी ठीक से अभी तक कोरोना के डर को भूल ही नहीं थे कि एक बार फिर से कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है. एशिया के कई देशों में कोरोना ने फिर से दस्तक दे दी है, जिससे पूरे एशिया में एक बार फिर से खलबली मच गई है. यहां भारत में भी लोग अलर्ट हो चुके हैं. मध्य प्रदेश में भी कोरोना के नए वेरिएंट पर पैनी नजर रखी जा रही है. कोरोना का नाम सुनते ही डेल्टा वेरिएंट की याद आ जाती है, जिसने देश में कुछ ऐसी तबाही मचाई थी की हर जगह केवल मौत ही मौत दिखाई दे रही थी. आलम ऐसा बन चुका था कि शमशान घाट हो या कब्रिस्तान अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा था. एशिया के कुछ देशों में कोरोना के केस फिर से बढ़ने लगे हैं चीन सिंगापुर हांगकांग और थाईलैंड में संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है इसकी वजह है ओमिक्रोन का नया वेरिएंट JN 1 है जो बहुत तेजी के साथ फैल रहा है. 

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डरने वाली बात यह है कि इस वेरिएंट ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है. इसका पहला मरीज बेंगलुरु में पाया गया है. इसके बाद स्वास्थ्य विभागों में खलबली मच गई है. मध्य प्रदेश में भी निगरानी शुरू कर दी गई है. स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने सभी जिला के स्वास्थ्य अधिकारियों को विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं और इस बार वेरिएंट के लक्षण दूसरे वेरिएंट से कुछ अलग भी पाए जा रहे हैं.

बहुत तेजी से फैलता है JN.1 वायरस

इस वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन शरीर के सेल्स से चिपकता है.

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत जल्दी से फैलता है वायरस

इसमें गले में खराश, बहती नाक, हल्का बुखार, थकान और खांसी जैसे लक्षण भी दिखते हैं

इसमें गंभीर बीमारी होने का खतरा बहुत कम है.

यह वाइरस आंखों में भी जलन पैदा कर रहा है.

डायबिटीज बीपी के मरीजों के लिए बढ़ा रहा है टेंशन.

257 एक्टिव केस सामने आ चुके हैं

भारत में अभी कोरोना के मामले कम हैं, लेकिन 19 मई तक 257 एक्टिव केस सामने आ चुके हैं.आसपास के देशों में मामले बढ़ने की वजह से भारत के डॉक्टर और हेल्थ ऑफिर्स अलर्ट पर हैं   और हालात पर नजर रख रहे हैं ताकि समय रहते कोई जरूरी कदम उठाया जा सके.JN.1 कोरोना वायरस का एक नया रूप है, जो ओमिक्रॉन से जुड़ा है. यह BA.2.86 नाम के पुराने वेरिएंट से निकला है, जिसे पिरोला भी कहा जाता है. 

इस वेरिएंट की पहचान सबसे पहले 2023 के आखिरी में हुई थी. इसके बाद यह अमेरिका, यूके, भारत, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में तेजी से फैल गया.इस वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन बदलाव  हुआ है. इस बदलाव की वजह से यह वायरस ज्यादा तेजी से फैल सकता है. भोपाल में भी कोविड के नए वेरिएंट से निपटने की तैयारी शुरू हो चुकी है. जिला स्वास्थ्य मुख्य अधिकारी प्रभाकर तिवारी ने बताया कि संदिग्ध मरीजों पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कॉविड के प्रोटोकॉल सबको पालन करना होगा

नए-नए वेरिएंट इसके आते रहेंगे

डॉक्टर प्रभाकर नहीं यह भी बताया कि कोविड कभी भी हमारे बीच से नहीं जाएगा. इस वायरस के बीच में ही हमें जीना होगा समय के साथ नए-नए वेरिएंट इसके आते रहेंगे लेकिन वैक्सीनेशन के कारण लोगों की इम्युनिटी बूस्ट हो चुकी है. यही कारण है कि कोविड ज्यादा असर नहीं दिखा पाएगा. JN 1 वायरस भले ही डेल्टा वायरस की तरह ज्यादा खतरनाक नहीं हो लेकिन जिस तेजी के साथ वह पल रहा है इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की बड़ी संख्या में लोगों को वह बीमार कर सकता है, इसलिए समय से पहले ही लोगों की जागरूकता कोरोनावायरस को फैलने से रोक सकती है.

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