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बेटी के साथ हुआ था बलात्कार तो मां-बाप को पंचों ने सुनाया ऐसा फरमान, पार की मानवता की हदें

यह पूरा मामला राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ क्षेत्र के डूंगरपुरा गांव का है.

Updated on: 13 Jun 2019, 06:46 PM

नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से एक बेहद असंवेदनशील और मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया. यहां पंचों ने छुआ छूत के नाम पर रेप पीड़िता के शुद्धिकारण के लिए परिजनों को मांसाहारी भोज कराने का फरमान सुनाया. लेकिन जब उन्होंने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया तो पंचों ने उन्हें समाज से बाहर कर दिया. इस अजीब फैसले से पीड़ित परिवार परेशान है. न तो सामाजिक कार्यक्रमों में उसे बुलाया जा रहा है और न ही कोई उनके घर में किसी कार्यक्रम में आ रहे हैं. ऐसे में अब पीड़िता के माता-पिता राजगढ़ पहुंचे और जिम्मेदारों से न्याय की गुहार लगाई. इस अजीब फैसले को लेकर मामले की शिकायत मानव अधिकार आयोग में भी की गई है.

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क्या है मामला

यह पूरा मामला राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ क्षेत्र के डूंगरपुरा गांव का है. गांव में एक लगभग 17 साल की किशोरी के साथ गांव के ही सियाराम नाम के युवक ने जबरन ज्यादती की. जिसकी रिपोर्ट पीड़ित परिवार ने पुलिस में की. लगभग 8 दिन बाद एफआईआर के बाद आरोपी को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया, लेकिन पीड़िता का समाज आरोपी से बड़ा था. ऐसे में समाज ने लड़की की शुद्धि के लिए अजीब फरमान सुनाया. गांव के लोगों ने पीड़िता के माता-पिता से गांव में भंडारा कराने के लिए कहा. इस फरमान के लिए समाज के गांव के ही नहीं, बल्कि आसपास के ग्रामीण भी जुटे. सभी ने लिखित में यह पंचनामा तैयार किया. जिस पर पीड़िता के माता-पिता के भी हस्ताक्षर कराए.

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लेकिन गरीब परिवार होने के कारण वह अभी तक भंडारा नहीं करा पाया. ऐसे में परिवार को न तो गांव में और न ही आसपास के गांव के कोई न्योता उन्हें दिया जा रहा है. हाल ही में एक आयोजन पीड़ित परिवार के घर भी हुआ था, जिसका कार्ड भी गांव के किसी भी व्यक्ति ने नहीं लिया और कोई शामिल भी नहीं हुआ. यही नहीं पीड़िता के परिवार को रिपोर्ट लिखाना भारी पड़ रहा है. यहां पंचों ने कहा कि जब सबको यह बात पता लग गई तो उसका प्राश्चित जरूरी है. इसके लिए यह सारा फैसला पंचों द्वारा तय किया गया.

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इन सब से परेशान पीड़िता के माता-पिता राजगढ़ पहुंचे और जिम्मेदारों से न्याय की गुहार लगाई. इस अजीब फैसले को लेकर मामले की शिकायत मानव अधिकार आयोग में भी की गई है. वहीं महिला बाल विकास अधिकारी चंद्रसेना भिडे ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. समाज के लोग पीड़ित परिवार पर मांसाहारी भंडारा कराने दबाव बना रहे हैं. इस संबंध में पुलिस के माध्यम से एफआईआर कराई जाएगी.

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