अफसरों की मिलीभगत से MP पॉवर जनरेशन कंपनी में हुआ करोड़ों का घोटाला, ये कंपनी रही शामिल

मध्य प्रदेश पॉवर जनरेशन कंपनी में 2004 से कोयले की लाइज़निंग के नाम पर करोड़ों रुपये इधर से उधर हुए और इसके बारे में किसी को पता भी नहीं चला.

मध्य प्रदेश पॉवर जनरेशन कंपनी में 2004 से कोयले की लाइज़निंग के नाम पर करोड़ों रुपये इधर से उधर हुए और इसके बारे में किसी को पता भी नहीं चला.

author-image
Yogendra Mishra
एडिट
New Update
अफसरों की मिलीभगत से MP पॉवर जनरेशन कंपनी में हुआ करोड़ों का घोटाला, ये कंपनी रही शामिल

प्रतीकात्मक फोटो।

मध्य प्रदेश पॉवर जनरेशन कंपनी में 2004 से कोयले की लाइज़निंग के नाम पर करोड़ों रुपये इधर से उधर हुए और इसके बारे में किसी को पता भी नहीं चला. 10 साल तक एक ही कंपनी को कोयले की लाइजनिंग के लिए 19 बार टेंडर जारी किया गया. हर बार टेंडर की प्रक्रिया में 3 कंपनियां भाग लेती थीं. लेकिन ठेका हर बार एक ही कंपनी को मिला. भारतीय प्रतिस्पर्धा जांच आयोग की रोपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बोली की हेराफेरी कर बिडिंग कंपनियों ने सरकार को अरबों रुपये की चपत लगाई. इस पर कभी बिजली महकमे के अधिकारियों ने आपत्ति भी नहीं जताई.

Advertisment

यह भी पढ़ें- बाढ़ से चंबल नदी उफान पर, लोगों को निकालने के लिए पहुंची सेना

इस साल 26 हजार मिलियन यूनिट बिजली बनाने वाली एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी प्रदेशवासियों को 24 घंटे बिजली देने के सरकार के दावे को मुकम्मल करने की दिशा में काम कर रही है. इस साल 206 लाख यानी 2 करोड़ लाख मिट्रिक टन कोयले के दम पर कंपनी ने इस मुकाम को हासिल किया है.

यह भी पढ़ें- भोपाल: कमलनाथ सरकार का फैसला, 6 फीट से ऊंची दुर्गा प्रतिमा की स्थापना पर रोक, पढ़ें क्यों

भारतीय प्रतिस्पर्धा जांच आयोग की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि कंपनी ने बोली में हेराफेरी करके टेंडर अपने पक्ष में किया. न्यूज 18 की खबर के मुताबिक जांच रिपोर्ट में सामने आया कि नायर कोल सर्विसेस लिमिटेड को 2004 से 2014 तक 19 बार कोयले की लाइज़निंग का टेंडर मिला.

यह भी पढ़ें- कुख्यात डकैत बबली कोल को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया 

हर बार सबसे कम बिड इसी कंपनी ने की. जांच रिपोर्ट में इस बात की आशंका जताई जा रही है कि कोल सप्लाई स्कैम के इस खेल में बिजली विभाग के भी तमाम अधिकारी शामिल रहे होंगे. जांच आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक इन कंपनियों के बीच कुछ ई-मेल भी मिले जो इस बात को बताते हैं कि कंपनियों ने आपसी सहमति से बिडिंग प्राइस कम-ज्यादा की.

यह भी पढ़ें- शिवराज ने कहा- बाढ़ प्रभावित किसानों के साथ करेंगे प्रदर्शन, सीएम कमलनाथ बोले... 

बीजेपी शासनकाल में हुए इस घोटाले पर पूर्व कैबिनेट मंत्री अजय विश्नोई का कहना है कि इसमें कोई भी सरकार दोषी नहीं है. यह बेहद तकनीकी बात थी. जिसे पकड़ पाना किसी मंत्री के बस की बात नहीं थी. बिजली महकमे के अधिकारी मिल-जुल कर इस खेल को खेलते रहे.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

फेसबुक scam Madhya Pradesh News Update MP Power Generation Company
      
Advertisment