मध्य प्रदेश में बाल अपराध की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार के ढीले-ढाले रवैये पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार और जुर्माना लगाने से प्रदेश में हलचल मची हुई है. सर्वोच्च अदालत की सख्ती के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले में सफाई दी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा MP सरकार पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाए जाने पर विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सूचना के अभाव में अदालत ने जुर्माना लगाया.
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ने पहले ही आदेश का पालन कर लिया था, जिसका एफेडेविट उच्च न्यायालय ने फाइल भी कर दिया, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने सूचना के अभाव में आदेश जारी कर दिया. मंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय चाहती है कि बाल अपराधों के लिए पॉक्सो एक्ट के तहत विशेष न्यायालय गठित हो, जो मध्य प्रदेश में पहले से गठित है.
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देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस
सुप्रीम कोर्ट की फटकार और जुर्माना लगाने की खबर के बाद मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से विधि मंत्री पीसी शर्मा ने गुरुवार की देर रात सफाई देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने राज्य सरकार द्वारा बाल अपराध रोकने के लिए किए गए इंतजामों के बारे में बताया. मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में महिला अपराध के लिए 75 और पॉक्सो के लिए 28 विशेष कोर्ट पॉक्सो एक्ट के लिए नॉटीफाई किए गए हैं. इसकी सूचना सर्वोच्च न्यायालय को दी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया जाएगा कि वे अपने आदेश पर पुन: विचार करें.
Source : News Nation Bureau