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शिवराज सिंह का ऐलान, 4 हजार करोड़ किसान के खाते में डाला जाएगा

उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने में धन की कमी का हमेशा रोना रोने वाले कमलनाथ की सरकार ने 6,000 करोड़ रुपये का कृषि कर्ज महज कागजों पर माफ किया और इसके बदले संबंधित बैंकों को भुगतान तक नहीं किया.

Updated on: 09 Oct 2020, 07:49 PM

नई दिल्ली :

मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो गया है. इसके साथ ही लोगों को लुभाने के लिए कांग्रेस और बीजेपी जुट गई है. उपचुनाव में भी किसानों का मुद्दा ही गूंज रहा है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं 4 हजार करोड़ रुपए राहत की राशि किसान के खाते में डाला जाएगा.

देवास में शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chauhan) ने कहा, 'पिछले साल फसल खराब हुई थी लेकिन कमलनाथ ने पैसे नहीं दिए थे. आज मैं कह रहा हूं कि 4 हज़ार करोड़ रुपए राहत की राशि किसान के खाते में डाला जाएगा. जिनकी फसल खराब हुई है उन सब को राहत की राशि और फसल बीमा योजना से पैसे दिया जाएगा.'

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उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने में धन की कमी का हमेशा रोना रोने वाले कमलनाथ की सरकार ने 6,000 करोड़ रुपये का कृषि कर्ज महज कागजों पर माफ किया और इसके बदले संबंधित बैंकों को भुगतान तक नहीं किया.

शिवराज सिंह ने कहा कि कमलनाथ सरकार में मंत्रियों और विधायकों के लिए वल्लभ भवन का दरवाजा बंद रहता था, लेकिन कोई बड़ा ठेकेदार आ जाए तो यह दरवाजा तुरंत खुल जाता था और निविदाओं में हेर-फेर की जाती थी.

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 सूबे की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को होने वाले उप चुनावों के प्रचार में जुटे चौहान ने कहा, 'वे लोग (कांग्रेस नेता) अब भी गिद्ध दृष्टि लगाकर बैठे हैं कि मौका मिल जाए, तो प्रदेश को फिर लूट लें. '

बता दें कि मध्यप्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 202 विधायक हैं. इनमें भाजपा के 107, कांग्रेस के 88, बसपा के दो, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय शामिल हैं. इस तरह कुल 230 सदस्यीय विधानसभा में पूर्ण सदन की स्थिति में जादुयी आकड़ा यानी कि बहुमत साबित करने के लिए सदस्यों की न्यूनतम संख्या 116 है.