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अधिकारियों के काम से नाखुश शिवराज सिंह चौहान, पद से हटाए गए दो DM और दो SP

मुख्यमंत्री चौहान ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि निर्धारित एजेंडा के अनुसार मासिक समीक्षा होगी. महीने में 29 दिन काम होगा और एक दिन समीक्षा की जाएगी.

Updated on: 09 Feb 2021, 12:07 PM

highlights

  • मध्य प्रदेश में पद से हटाए गए 2 DM और 2 SP
  • अधिकारियों के काम से नाखुश थे मुख्यमंत्री
  • समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया फैसला

भोपाल:

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के दो जिलाधिकारी और दो पुलिस अधीक्षकों को पद से हटा दिया है. दरअसल, शिवराज सिंह चौहान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रशासनिक कामकाज की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दो जिलाधिकारी और दो पुलिस अधीक्षकों का काम संतोषजनक नहीं लगा, जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया. शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने तंज कसा है. बता दें कि मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य में प्रशासनिक कामकाज का फीडबैक लेने के लिए वीडियो कॉफ्रेंसिंग का सिलसिला शुरु किया है. बीते माह हुई जिलों के कलेक्टर्स और सभी कमिश्नर्स, आई.जी. और एस.पी स्तर के अधिकारियों की कॉफ्रेंसिंग के बाद गाज गिरी थी, इस बार फिर पांच अफसरों पर गाज गिरी है.

मुख्यमंत्री चौहान ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि निर्धारित एजेंडा के अनुसार मासिक समीक्षा होगी. महीने में 29 दिन काम होगा और एक दिन समीक्षा की जाएगी. यह मासिक समीक्षा सु-शासन का एक सशक्त माध्यम है. उन्होंने मिलावटियों और माफियाओं के खिलाफ पूरी ताकत से अभियान जारी रखने को कहा है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद दो कलेक्टर, दो पुलिस अधीक्षक और एक नगर पुलिस अधीक्षक को हटाने के आदेश जारी हो गए हैं. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में नीमच कलेक्टर जितेन्द्र सिंह राजे को अपर सचिव, मध्यप्रदेश शासन पदस्थ किया है. वहीं बैतूल कलेक्टर राकेश सिंह को उप सचिव, मध्यप्रदेश शासन पदस्थ किया है.

गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में गुना के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह और निवाड़ी की पुलिस अधीक्षक वाहनी सिंह को सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय, भोपाल पदस्थ किया है. एक अन्य आदेश में गुना की नगर पुलिस अधीक्षक नेहा पच्चीसिया को उप पुलिस अधीक्षक, पुलिस मुख्यालय, भोपाल के पद पर स्थानांतरित कर पदस्थ किया है.

मुख्यमंत्री चौहान ने अफसरों से कहा है कि अधिकारी-कर्मचारी पूरी क्षमता, समर्पण, ईमानदारी और परिश्रम से कार्य कर प्रदेश की जनता के कल्याण को सुनिश्चित करें. कलेक्टर्स, विभागीय अधिकारी और उनका अमला प्रदेश के विकास में अपना सर्वश्रेष्ठ दें. विकास के लिए हम सब एक हैं. यदि हमारे प्रयासों में कोई कमी रह जाती है, तो यह प्रदेश का अहित होने का पाप भी होगा. इन तबादलों पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने तंज कसा है और ट्वीट कर कहा है, "कलेक्टर-कमिश्नर विडिओ कांफ्रेंसिंग के नाम पर भी शिवराज सरकार का ट्रांसफर उद्योग चालू आहे...पूरे घर को बदल डालूंगा..सुबह-शाम बदलेंगे, हर बहाने से बदलेंगे."