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बेटियों से अपराध करने वालों को कड़ी सजा देगी सरकार : शिवराज

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि बेटियों को अपनी अस्मिता और सम्मान की रक्षा के लिए जूडो-कराटे के प्रशिक्षण के साथ ही कटार या अन्य शस्त्र भी देना चाहिए. प्रदेश में लाडली लक्ष्मी बालिकाओं को पढ़ाई और विवाह में मदद प्रदान की जाएगी.

Updated on: 24 Jan 2021, 09:22 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिका सुरक्षा, स्वास्थ्य और जागृति लाने के मकसद से 'पंख' अभियान की शुरुआत करते हुए भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार बेटियों के साथ है, जो भी बेटियों के साथ अपराध करेगा ऐसे तत्वों को सरकार कड़ी सजा देगी. राजधानी के मिंटो हॉल में रविवार को आयोजित समारोह में चौहान ने पंख अभियान की शुरुआत करते हुए कहा, बेटियों की सुरक्षा (प्रोटेक्शन), जागरूकता (अवेयरनेस), पोषण (न्यूट्रीशन), ज्ञान (नॉलेज) तथा स्वास्थ्य (हेल्थ) का अनूठा अभियान है. बेटियां आकाश से आगे जाकर अंतरिक्ष तक उड़ान भरें, इसके लिए पूरी ताकत से 'पंख' अभियान का संचालन मिशन मोड पर किया जाएगा. बेटियों के साथ अपराध करने वाले तत्वों को सरकार 'क्रश' कर देगी. ऐसे अपराधियों की सम्पत्ति नष्ट कर दी जाएगी. सजा भी ऐसी देंगे कि जमाना याद करेगा.

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मुख्यमंत्री चौहान (CM Chauhan) ने कहा, प्रदेश में महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित हैं. इन्हें गति प्रदान की जाएगी. आज से प्रारंभ पंख अभियान अनूठा है, जो बालिकाओं के संरक्षण, जागरण, पोषण, ज्ञान, स्वास्थ्य, स्वच्छता का प्रतीक है. पी से प्रोटेक्शन, ए से अवेयरनेस, एन से न्यूट्रीशन, के से नॉलेज एवं एच से हेल्थ व हाइजीन के माध्यम से बेटियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं सर्वागीण विकास सुनिश्चित किया जाना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि बेटियों को अपनी अस्मिता और सम्मान की रक्षा के लिए जूडो-कराटे के प्रशिक्षण के साथ ही कटार या अन्य शस्त्र भी देना चाहिए. प्रदेश में लाडली लक्ष्मी बालिकाओं को पढ़ाई और विवाह में मदद प्रदान की जाएगी.

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बालिका की विवाह की उम्र बढ़ाए जाने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर सार्वजनिक बहस छिड़ना चाहिए कि कन्या विवाह की आयु न्यूनतम 18 के स्थान पर 21 की जाए. समझ और ज्ञान का स्तर बढ़ने से वे अन्याय का प्रतिरोध करने में सक्षम होंगी. मुख्यमंत्री ने कहा, हमारी न्याय प्रणाली में भी ऐसे सुधार की जरूरत महसूस होती है, जो ऐसे लोगों को मानव अधिकार के नाम पर न बख्शें. मैं इस पक्ष में हूं कि ऐसे व्यक्तियों का वध हो, उन्हें फांसी मिले. किसी भी स्थिति में न बचाया जाए. बेटियां न घबरायें, अन्याय के विरूद्ध खड़ी हों.