राजस्थान में 62 आईएएस अधिकारियों का तबादला, कई जिलाधिकारी भी बदले
'गैंग्स ऑफ वासेपुर' की शूटिंग थी मुश्किल, ऋचा चड्ढा ने किया खुलासा
ईरान की संसद ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का प्रस्ताव किया पारित, अंतिम फैसला खामेनेई के पास
देवी बनकर इस सिंगर ने प्राइवेट पार्ट में रखा क्रॉस, हिंदू और ईसाई धर्म का किया अपमान
हिस्ट्री दैट इंडिया इग्नोर्ड : आजादी के संघर्ष को नई दृष्टि से देखने को मजबूर करती है प्रेम प्रकाश की किताब
KL Rahul: केएल राहुल ने इंग्लैंड के खिलाफ बनाया बड़ा रिकॉर्ड, पहली बार टेस्ट में किया ये कारनामा
मणिपुर में कोरोना के 33 नए केस दर्ज, कुल मामले बढ़कर 145
पहले की हाथापाई, फिर किया रेप, फिल्म में इस एक्टर ने जीनत अमान संग की थी जबरदस्ती, चोटिल हो गई थी एक्ट्रेस
मुंबई एयरपोर्ट पर 4.44 किलो सोना बरामद, दो कर्मचारी गिरफ्तार

शराब पर सियासी संग्राम: शिवराज चौहान और कमलनाथ के बीच वार-पलटवार

मध्य प्रदेश में खुलने वाली शराब की उप दुकानों को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच शब्द संग्राम चल रहा है.

मध्य प्रदेश में खुलने वाली शराब की उप दुकानों को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच शब्द संग्राम चल रहा है.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
Madhya Pradesh politics

चौहान और कमलनाथ के बीच नई शराब नीति को लेकर शब्द संग्राम( Photo Credit : फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश में खुलने वाली शराब की उप दुकानों को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच शब्द संग्राम चल रहा है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को ही भाजपा उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान के पत्र का जवाब देते हुए आरोप लगाया कि पिछली भगवा सरकार के दौरान प्रदेश में अधिकतम शराब की दुकानें खोली गई थीं. शिवराज चौहान ने शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रदेश सरकार द्वारा शराब की उप दुकानें खोलने के फैसले का विरोध किया था और कहा था कि यह आम जनता विशेषतौर पर महिलाओं के लिये समस्याएं पैदा करेगा.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः एयरफोर्स के विंग कमांडर ने गृह मंत्री अमित शाह बनकर राज्यपाल को किया फोन, आगे हुआ कुछ ऐसा

पत्र में चौहान ने लिखा कि कांग्रेस सरकार के निर्णय के कारण प्रदेश में 2000 से 2500 शराब की नई दुकानें खुलेंगी जिसके परिणामस्वरूप अपराध, विशेषकर महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ेगा. कमलनाथ ने शुक्रवार रात को ही चौहान को उत्तर देते हुए लिखा कि वास्तव में सच यह है कि भाजपा के पिछले शासन के दौरान ही प्रदेश में सबसे अधिक शराब की दुकानें खोली गईं. कमलनाथ ने चौहान के दावे को आधारहीन बताते हुए कहा कि चौहान ने संभवत: उप दुकानों को खोलने के संबंध में अधिसूचित नीति का अब तक अध्ययन नहीं किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीति के तहत कोई नई दुकान नहीं खुल रही है, वरन् मूल दुकान का लाइसेंसी यदि चाहे तो कुछ शर्तों के अधीन मूल दुकान के साथ उसकी उप दुकान खोल सकता है, जिससे आबकारी अपराधों पर अकुंश बढ़ेगा. पिछली भाजपा सरकार के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कमलनाथ ने कहा कि 2003-04 में जो कांग्रेस की दिग्विजय सरकार का आखिरी वित्तीय वर्ष था तब प्रदेश में 2221 देशी तथा 581 विदेशी शराब की दुकानें थीं जो भाजपा के शासन में 2010-11 में बढ़कर देशी 2770 और विदेशी शराब की 981 दुकानें हो गईं. इस प्रकार यह स्पष्ट है कि 2003-04 में प्रदेश में शराब के दूकान की कुल संख्या 2792 थी जो कि 2010-11 में बढ़कर 3683 हो गई.

यह भी पढ़ेंः मध्यप्रदेश कांग्रेस में फिर सियासी तूफान आने के आसार, यहां जानें कारण 

कमलनाथ ने कहा कि नई आबाकारी नीति द्वारा वैध व्यावसायिक गतिविधियों के सरल संचालन से माफिया गतिविधियों को नियंत्रित किया जायेगा. मुख्यमंत्री के पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शनिवार को चौहान ने संवाददाताओं से कहा कि इस तरह के व्यवसायिक फैसलों से यदि माफिया को नियंत्रित किया जा सकता है तो उन्हें हर गांव में शराब की दुकान खोल देनी चाहिये यहां तक कि शराब की घर घर पहुंच सेवा शुरु कर देना चाहिये. उन्होंने कहा कि शराब की नई दुकानें खोलने का फैसला प्रदेश के लिये विनाशकारी साबित होगा और जनता के हित में इसे वापस लिया जाना चाहिये.

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने गुरूवार की रात को जारी अधिसूचना में प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में लायसेंस शुल्क के भुगतान पर शराब की उप दुकानें खोलने का फैसला किया है. प्रदेश सरकार वित्तीय संकट का सामना कर रही है और सरकार इस कदम से राजस्व को बढ़ावा चाहती है आदेश के अनुसार लाइसेंस शुल्क के कुछ प्रतिशत का भुगतान करने के बाद वर्तमान शराब दुकान मालिक शहरी क्षेत्रों में मौजूदा दुकान से पांच किलोमीटर की दूरी और ग्रामीण इलाकों में 10 किलोमीटर की दूरी पर शराब की उप दुकान खोल सकते हैं.

Source : Bhasha

bhopal Ex Cm Shivraj Singh madhya-pradesh Kamal Nath
      
Advertisment