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मध्य प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार आज, करीब 25 मंत्री ले सकते हैं शपथ

मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार आज होने जा रहा है. इस विस्तार में भाजपा नए चेहरों को ज्यादा महत्व देने वाली है और कई वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिमंडल से बाहर रखा जा सकता है.

Updated on: 02 Jul 2020, 06:47 AM

भोपाल:

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार आज होने जा रहा है. इस विस्तार में भाजपा नए चेहरों को ज्यादा महत्व देने वाली है और कई वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिमंडल से बाहर रखा जा सकता है. यह चौहान के मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार होगा और इसमें करीब दो दर्जन मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि करीब 25 विधायक आज मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक करीब 1 घंटा यह शपथ ग्रहण समारोह चलेगा. राजभवन के सूत्रों का कहना है कि राजभवन में 11 बजे मंत्रिमंडल के सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी. राज्य की प्रभारी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल बुधवार की दोपहर भोपाल पहुंची हैं. उन्होंने संदीपनि भवन में आयोजित समारोह में शपथ ली.

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बीजेपी सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में करीब दो दर्जन मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है. इस समारोह में कांग्रेस की सरकार को गिराकर राज्य में फिर से बीजेपी को सत्ता दिलाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहेंगे. क्योंकि सिंधिया समर्थक विधायकों को भी आज शिवराज कैबिनेट में जगह दी जानी तय है. सिंधिया के साथ मार्च महीने में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए 9 पूर्व विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.

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गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को अकेले मुख्यमंत्री की शपथ ली थी और कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बीच मुख्यमंत्री चौहान ने 29 दिन तक अकेले ही सरकार चलाते रहे. बाद में 21 अप्रैल को पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन कर सके थे, जिनमें कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के दो मंत्री तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत शामिल हैं.

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मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों के राज्य विधानसभा से त्यागपत्र देने से कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार गिर गई थी और चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी थी. वे रिकॉर्ड चौथी बार प्रदेश के मुखिया बने हैं. कांग्रेस के अधिकांश बागी विधायक, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं.

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