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By Election : सांची सीट पर अब नहीं देखने को मिलेगा गौरीशंकर और प्रभुराम की चुनावी जंग

पहली बार साल 1985 में प्रभुराम चौधरी और गौरीशंकर शेजवार के बीच चुनावी मुकाबला हुआ था तब प्रभुराम चौधरी की जीत हुई थी. साल 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर गौरीशंकर शेजवार और प्रभुराम चौधरी के बीच मुकाबला हुआ तब गौरीशंकर ने जीत दर्ज की थी.

Updated on: 19 Oct 2020, 02:40 PM

सांची:

मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में एक सीट है सांची विधानसभा सीट. यह सीट कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले डॉ. प्रभुराम चौधरी के इस्तीफे के बाद खाली हुई है. यहां पर प्रभुराम चौधरी और गौरीशंकर शेजवार के बीच पांच बार विधानसभा चुनाव की जंग हुई है जिनमें से तीन बार गौरीशंकर शेजवार ने तो दो बार प्रभुराम चौधरी ने जीत दर्ज की हैं, लेकिन 1985 से दोनों के बीच शुरु हुआ चुनावी मुकाबला अब प्रभुराम चौधरी के बीजेपी में आने के बाद खत्म हो गया है. 

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पहली बार साल 1985 में प्रभुराम चौधरी और गौरीशंकर शेजवार के बीच चुनावी मुकाबला हुआ था तब प्रभुराम चौधरी की जीत हुई थी. साल 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर गौरीशंकर शेजवार और प्रभुराम चौधरी के बीच मुकाबला हुआ तब गौरीशंकर शेजवार ने जीत दर्ज की. 1998 के विधानसभा चुनाव में भी गौरीशंकर शेजवार ने जीत दर्ज की.

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प्रभुराम चौधरी ने दस साल बाद साल 2008 के विधानसभा चुनाव में गौरीशंकर शेजवार हराया और जीत दर्ज की. फिर साल 2013 के विधानसभा चुनाव में गौरीशंकर शेजवार ने जीत दर्ज की. वहीं, 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गौरीशंकर शेजवार की जगह उनके बेटे मुदित शेजवार को सांची विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था. जिनको  तब कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रभुराम चौधरी ने हराया और जीत दर्ज की. वहीं, अब प्रभुराम चौधरी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव के तहत 3 नवंबर को मतदान होगा.