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संघ प्रमुख मोहन भागवत (फाइल फोटो)( Photo Credit : News State)
संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जनसामान्य में भ्रम की स्थिति है. इस भ्रम को दूर करना केंद्र सरकार और भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अब इस भ्रम को खत्म करने के लिए आगे आया है और वह इसके लिए रास्ता खोजने की तैयारी में है. मध्य प्रदेश के इंदौर में संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित अन्य बड़े पदाधिकारी डेरा डाले हुए हैं. संघ पदाधिकारियों में शुक्रवार से ही चर्चा का दौर शुरू हो गया है, और इसमें सबसे अहम मुद्दा नागरिकता संशोधन कानून है. कानून के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों और भ्रम पर मंथन हो रहा है. इस भ्रम को कैसे दूर किया जाए, इस पर आगामी दिनों में एक कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा सकता है.
संघ की ओर से आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि आगामी पांच से सात जनवरी तक देश भर के कार्यकर्ता और पदाधिकारी इंदौर में रहेंगे. इसमें देश की वर्तमान स्थिति पर अनौपचारिक चर्चा होगी. इस दौरान नीतिगत निर्णय और प्रस्ताव पारित नहीं होगा. यहां आने वाले प्रतिनिधि अपने अनुभव को भी साझा करेंगे.
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सूत्रों का कहना है, "इस तीन दिन की बैठक के दौरान आमजन के बीच सीएए को लेकर फैले भ्रम पर चर्चा होगी. साथ ही इस भ्रम को कैसे दूर किया जा सकता है, यह रास्ता भी संघ द्वारा खोजा जाएगा. इसके अलावा संघ इसमें किस तरह की भूमिका निभा सकता है, इस पर भी मंथन होगा."
सूत्रों का कहना है कि तीन दिन तक संघ के देश भर से आए कार्यकर्ता और पदाधिकारी अपने अनुभवों को साझा करेंगे. इसके अलावा बीते दिनों चलाए गए अभियानों पर चर्चा होगी. राममंदिर के निर्माण सहित बिहार और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा हो सकती है.
इंदौर बैठक में संघ प्रमुख भागवत के साथ सर कार्यवाह भैयाजी जोशी समेत प्रांत प्रचारक, कार्यवाहक संघ चालक और अखिल भारतीय कार्यकारिणी के 300 से ज्यादा पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. भागवत का पांच दिन का इंदौर प्रवास का कार्यक्रम है. वह यहां कुछ अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे.
Source : News State
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