मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में एक रिश्वतखोर डॉक्टर रंगे हाथों पकड़ा गया है. रीवा लोकायुक्त की टीम ने बड़ी कार्यवाही करते हुए ₹3000 की रिश्वत लेते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर को गिरफ्तार किया है. आरोपी डॉक्टर ने शिकायतकर्ता से उसके भतीजे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के नाम पर ₹10 हजार की रिश्वत मांगी थी. इसके बाद पीड़ित ने परेशान होकर इसकी शिकायत लोकायुक्त टीम रीवा से की थी.
मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता वीरेंद्र यादव उमरिया की तहसील मानपुर के ग्राम चिल्हारी का निवासी है. वीरेंद्र ने रीवा लोकायुक्त टीम से शिकायत की थी कि डॉ राजेंद्र मांझी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर जिला उमरिया के द्वारा उसके भतीजे बली यादव की पीएम रिपोर्ट बनाने के लिए 10 हजार की रिश्वत की डिमांड की जा रही है.
शिकायत मिलने के बाद रीवा लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ के द्वारा मामले का सत्यापन कराया गया तो पूरा मामला सही पाया गया. आरोपी डॉक्टर ने पीड़ित को धमका कर पहले ही ₹3000 ऐंठ लिए थे. बाद में और ₹3000 की राशि देने के लिए कह रहा था. योाजना के अनुसार आज 3 अक्टूबर को शिकायतकर्ता डॉक्टर को ₹3000 देने के लिए पहुंचा तभी लोकायुक्त की टीम ने आरोपी डॉक्टर राजेंद्र माझी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
लोकायुक्त की 12 सदस्यीय टीम ने की कार्यवाही
पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र कुमार, उप अधीक्षक राजेश खेड़े सहित 12 सदस्यीय टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही. बता दें कि शिकायतकर्ता वीरेंद्र यादव ग्राम चिल्हारी तहसील मानपुर जिला उमरिया की शिकायत पर रीवा लोकायुक्त टीम की 12 सदस्यीय टीम ने यह कार्यवाही की है.
फिलहाल, लोकायुक्त का कहना है कि कार्रवाई के बारे में स्वास्थ्य विभाग को भी जानकारी दी जाएगी. हो सकता है कि पकड़े डॉक्टर के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग भी कोई एक्शन ले सकता है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में इन दिनों लगातार लोकायुक्त की कार्रवाई जारी है. अलग-अलग जिलों में लोकायुक्त की टीम छापेमारी कर रही है.