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MP में राहुल ने खेला OBC कार्ड, सत्ता में आए तो जातीय गनगणना सबसे पहले कराएंगे

चुनावी साल में राजनीतिक दल कही पिटारे खोल रहे हैं तो कही वादों की झड़ी लगा रहे हैं. चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में भी इन दिनों दावों और वादों की बहार है. भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी जनता से कई घोषणाएं कर रही है

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Prashant Jha
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राहुल गांधी, कांग्रेस नेता( Photo Credit : सोशल मीडिया)

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मध्य प्रदेश में साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं. राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. भाजपा और कांग्रेस के नेता तूफानी प्रचार करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में राहुल गांधी कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा में शामिल होने के लिए कालापीपल विधानसभा के पोलायकला पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह विचारधारा की लड़ाई है. एक तरफ कांग्रेस है. दूसरी तरफ बीजेपी और आरएसएस हैं. एक तरफ गांधी हैं दूसरी ओर गोडसे, एक तरफ मोहब्बत है दूसरी ओर नफरत है. राहुल गांधी ने महिला आरक्षण कानून में ओबीसी को शामिल किए जाने को लेकर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आते ही सबसे पहला काम जाति जनगणना कराएंगे. हालांकि, ये काम कांग्रेस पहले कर चुकी है. सरकार के पास पूरा आंकड़ा है. पर प्रधानमंत्री इसे साझा नहीं करते. राहुल गांधी ने आगे भी कहा कि जब मैं सवाल पूछता हूं कि देश में कितने दलित, ओबीसी, आदिवासी, जनरल वर्ग के लोग हैं तो कई जवाब नहीं मिलता है.  

महिला आरक्षण को 2029 में लागू करने को लेकर भी राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरा. राहुल ने कहा कि हमने सवाल उठाया कि आप महिला आरक्षण बिल लेकर आ रहे हैं, पर उससे पहले इन दो लाइनों को इससे हटा दें. आरक्षण लागू करने के लिए एक सर्वे कराने की जरूरत है. परिसीमन से महिला आरक्षण में 10 साल का वक्त लग जाएगा. मैं बीजेपी और पीएम से सवाल पूछता हूं कि महिला आरक्षण में ओबीसी को रिजर्वेशन क्यों नहीं दिया गया. प्रधानमंत्री खुद ओबीसी से आते हैं तो महिला आरक्षण में आपने ओबीसी महिलाओं  को आरक्षण क्यों नहीं दिया. 

90 सचिवों में से सिर्फ 3 OBC हैं- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने सरकार के कैबिनेट में ओबीसी अधिकारियों की ज्यादा मौजूदगी नहीं होने वाले सवाल भी किए. उन्होंने कहा, भारत सरकार के कैबिनेट सचिव और सचिव स्तर के 90 अधिकारी सरकार चलाते हैं. इनमें से सिर्फ तीन अधिकारी ही ओबीसी वर्ग से आते हैं. ओबीसी का सटीक आंकड़ा नहीं है.  क्योंकि जातीय जनगणना नहीं हुई है. करीब 50 फीसदी आबादी ओबीसी है, लेकिन अधिकारी सिर्फ तीन हैं. आप समझ सकते हैं कि ये तीन अधिकारी बजट में क्या विचार रखते होंगे. 

संघ पर बरसे राहुल गांधी
देश का बजट 45 लाख करोड़ रुपये का है और बजट का केवल 5 फीसदी हिस्सा ही ओबीसी अधिकारियों के नियंत्रण में है. इससे भला क्या होने वाला है. पीएम मोदी ओबीसी वर्ग से कहते हैं कि सरकार में आपकी भागीदारी है. लेकिन आप ओबीसी की सरकार नहीं चलाते हैं. आप बताए कि भारत सरकार के 90 कैबिनेट सचिवों में से कितने ओबीसी सचिव हैं. देश के कानून भी सचिव बनाते हैं. देश का कानून आरएसएस के लोग बनाते हैं.

Source : News Nation Bureau

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